Lord Ganesh: बुधवार को पूजा के दौरान जरूर करें इस स्तोत्र का पाठ, सभी दुखों से मिलेगी मुक्ति

ज्योतिषियों के अनुसार कुंडली में बुध ग्रह कमजोर होने से जीवन में अस्थिरता बनी रहती है। साथ ही इंसान को जीवन में कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इसके अलावा करियर और कारोबार में सफलता प्राप्त नहीं होती। अगर आप इन सभी तरह की समस्याओं से छुटकारा पाना चाहते हैं तो बुधवार के दिन पूजा के दौरान सच्चे मन से बुध स्तोत्र का पाठ करें।

By Kaushik Sharma Edited By: Kaushik Sharma Publish:Wed, 24 Apr 2024 07:00 AM (IST) Updated:Wed, 24 Apr 2024 07:00 AM (IST)
Lord Ganesh: बुधवार को पूजा के दौरान जरूर करें इस स्तोत्र का पाठ, सभी दुखों से मिलेगी मुक्ति
Lord Ganesh: बुधवार को पूजा के दौरान जरूर करें इस स्तोत्र का पाठ, सभी दुखों से मिलेगी मुक्ति

HighLights

  • बुधवार का दिन भगवान गणेश जी को समर्पित है।
  • इस दिन प्रभु की विशेष पूजा की जाती है।
  • बुध स्तोत्र का पाठ करने से कई लाभ प्राप्त होते हैं।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Budh Stotram Lyrics: बुधवार का दिन बुध ग्रह और भगवान गणेश जी को समर्पित है। इस दिन बुध ग्रह और गणपति बप्पा की पूजा करने का विधान है। ज्योतिषियों के अनुसार, कुंडली में बुध ग्रह कमजोर होने से जीवन में अस्थिरता बनी रहती है। साथ ही इंसान को जीवन में कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इसके अलावा करियर और कारोबार में सफलता प्राप्त नहीं होती। अगर आप इन सभी तरह की समस्याओं से छुटकारा पाना चाहते हैं, तो बुधवार के दिन पूजा के दौरान सच्चे मन से बुध स्तोत्र का पाठ करें। माना जाता है कि ऐसा करने से जीवन में व्याप्त सभी दुखों से मुक्ति मिलती है और जीवन सुखमय होता है। साथ ही कुंडली में बुध ग्रह मजबूत होता है। आइए पढ़ते हैं बुध स्त्रोत का पाठ।

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बुध स्तोत्र (Budh Stotram )

''पीताम्बर: पीतवपु किरीटी, चतुर्भुजो देवदु:खापहर्ता ।

धर्मस्य धृक सोमसुत: सदा मे, सिंहाधिरुढ़ो वरदो बुधश्च ।।

प्रियंगुकनकश्यामं रूपेणाप्रतिमं बुधम ।

सौम्यं सौम्यगुणोपेतं नमामि शशिनन्दनम ।।

सोमसुनुर्बुधश्चैव सौम्य: सौम्यगुणान्वित: ।

सदा शान्त: सदा क्षेमो नमामि शशिनन्दनम ।।

उत्पातरूपी जगतां चन्द्रपुत्रो महाद्युति: ।

सूर्यप्रियकरोविद्वान पीडां हरतु मे बुधं ।।

शिरीषपुष्पसंकाशं कपिलीशो युवा पुन: ।

सोमपुत्रो बुधश्चैव सदा शान्तिं प्रयच्छतु ।।

श्याम: शिरालश्चकलाविधिज्ञ:, कौतूहली कोमलवाग्विलासी ।

रजोधिको मध्यमरूपधृक स्या-दाताम्रनेत्रो द्विजराजपुत्र:।।

अहो चन्द्रासुत श्रीमन मागधर्मासमुदभव: ।

अत्रिगोत्रश्चतुर्बाहु: खड्गखेटकधारक: ।।

गदाधरो नृसिंहस्थ: स्वर्णनाभसमन्वित: ।

केतकीद्रुमपत्राभ: इन्द्रविष्णुप्रपूजित: ।।

ज्ञेयो बुध: पण्डितश्च रोहिणेयश्च सोमज: ।

कुमारो राजपुत्रश्च शैशवे शशिनन्दन: ।।

गुरुपुत्रश्च तारेयो विबुधो बोधनस्तथा ।

सौम्य: सौम्यगुणोपेतो रत्नदानफलप्रद: ।।

एतानि बुधनामानि प्रात: काले पठेन्नर: ।

बुद्धिर्विवृद्धितां याति बुधपीडा न जायते'' ।।

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डिसक्लेमर: इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।

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