हर पूर्णिमा का होता है खास महत्व, जानें नव संवत्सर 2076 में कब कब हैं पूर्णिमा तिथि

19 अप्रैल शुक्रवार को नव संवत्सर 2076 को चैत्र पूर्णिमा पड़ रही है जो हिंदू माह के पहले महीने में पड़ने वाली वर्ष की प्रथम पूर्णिमा। आइए जानें पूर्णिमा का महत्व और उनकी कुल संख्या

By Molly SethEdited By: Publish:Thu, 18 Apr 2019 02:54 PM (IST) Updated:Mon, 22 Apr 2019 09:49 AM (IST)
हर पूर्णिमा का होता है खास महत्व, जानें नव संवत्सर 2076 में कब कब हैं पूर्णिमा तिथि
हर पूर्णिमा का होता है खास महत्व, जानें नव संवत्सर 2076 में कब कब हैं पूर्णिमा तिथि

 कब होती है पूर्णिमा 

पंचांग के अनुसार मास की 15वीं और शुक्लपक्ष की अंतिम तिथि पूर्णिमा होती है। उस दिन चंद्रमा आकाश में पूरा होता है। खास बात ये है कि हर माह की पूर्णिमा को कोई न कोई पर्व अथवा व्रत अवश्य मनाया जाता है। मान्यता है कि यदि इस दिन एक समय भोजन करके पूर्णिमा, चंद्रमा या सत्यनारायण का व्रत किया जाए तो सब प्रकार के सुख, सम्पदा और सम्पन्नता की प्राप्ति होती है। जब चन्द्र और बृहस्पति एक ही नक्षत्र में हों और तब पूर्णिमा हो तो उसे महा पूर्णिमा या महा पौर्णमासी कहा जाता है। ऐसी पूर्णिमा पर दान एवं उपवास को अक्षय फलदायक माना जाता है। इन पूर्णिमा को उस माह के नाम के अनुसार महाचैत्री, महाकार्तिकी, या महा पौषी आदि भी कहा जाता है। सूर्य से चन्द्र का अन्तर जब 169° से 180° तक होता है, तब शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा होती है। 

पूर्णिमा के पर्व

हर माह में पूर्णिमा के दिन कोई ना कोई पर्व या त्योहार मनाया जाता है, जैसे चैत्र माह की पूर्णिमा को  हनुमान जयंती मनाई जाती है। वैशाख माह की पूर्णिमा को बुद्ध जयंती मनाई जाती है। ज्येष्ठ माह की पूर्णिमा को वट सावित्री व्रत मनाया जाता है। आषाढ़ मास की पूर्णिमा को गुरू पूर्णिमा कहते हैं। इसी दिन कबीर जयंती भी मनाई जाती है। श्रावण मास की पूर्णिमा को रक्षाबन्धन का पर्व मनाया जाता है। भाद्रपद की पूर्णिमा को उमा माहेश्वर व्रत मनाया जाता है। अश्विन माह की पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा का पर्व मनाया जाता है। कार्तिक माह की पूर्णिमा को पुष्कर मेला और गुरुनानक जयंती पर्व मनाए जाते हैं। मार्गशीर्ष की पूर्णिमा को श्री दत्तात्रेय जयंती मनाई जाती है। पौष मास की पूर्णिमा को शाकंभरी जयंती मनाई जाती है। जैन धर्म के मानने वाले इसी दिन से पुष्यभिषेक यात्रा प्रारंभ करते हैं। बनारस में दशाश्वमेध तथा प्रयाग में त्रिवेणी संगम पर पौष पूर्णिमा स्नान को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। माघ माह की पूर्णिमा को संत रविदास जयंती, श्री ललित और श्री भैरव जयंती मनाई जाती है। माघी पूर्णिमा के दिन संगम पर माघ मेले स्नान करने का भी विशेष महत्व होता है। वहीं अंतिम माह फाल्गुन की पूर्णिमा को होली का पर्व मनाया जाता है।

नव संवत्सर में कब हैं पूर्णिमा 

चैत्र प्रतिपदा से नव संवत्सर 2076 आरंभ हो चुका है और शुक्रवार, 19 अप्रैल को इसकी पहली पूर्णिमा पड़ रही है। इसी क्रम में जानें शेष महीनों में पूर्णिमा के बारे में, वैशाख माह की पूर्णिमा शनिवार, 18 मई को, बुध पूर्णिमा ज्येष्ठ माह में सोमवार, 17 जून को, गुरू पूर्णिमा आषाढ़ माह में मंगलवार, 16 जुलाई को, गुरू पूर्णिमा श्रावण माह में गुरुवार, 15 अगस्त को, भाद्र पूर्णिमा शनिवार, 14 सितंबर, शरद पूर्णिमा अश्विन माह में रविवार, 13 अक्टूबर को, कार्तिक पूर्णिमा, कार्तिक माह में मंगलवार, 12 नवंबर को, मार्गशीर्ष पूर्णिमा गुरुवार, 12 दिसंबर को , पौष पूर्णिमा व्रत, पौष माह में शुक्रवार, 10 जनवरी को, माघ पूर्णिमा व्रत माघ माह में रविवार, 09 फरवरी को, सोमवार, फाल्गुन पूर्णिमा व्रत, सोमवार, 09 मार्च को। 

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