Hanuman ji Puja On Saturday: जानें, क्यों शनि देव और हनुमान जी की पूजा इस दिन की जाती है, क्या है इसका दैविक महत्व

Hanuman ji Puja On Saturday मान्यता है कि अगर हनुमान जी की पूजा-आराधना सच्ची श्रद्धा और भक्ति से करें तो शनि के बुरे प्रकोप से बचा जा सकता है।

By Ruhee ParvezEdited By: Publish:Sat, 21 Mar 2020 08:00 AM (IST) Updated:Sat, 21 Mar 2020 08:00 AM (IST)
Hanuman ji Puja On Saturday: जानें, क्यों शनि देव और हनुमान जी की पूजा इस दिन की जाती है, क्या है इसका दैविक महत्व
Hanuman ji Puja On Saturday: जानें, क्यों शनि देव और हनुमान जी की पूजा इस दिन की जाती है, क्या है इसका दैविक महत्व

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Hanuman ji Puja On Saturday: हिन्दू धर्म में शनिवार के दिन शनि देव की पूजा का विधान है। ऐसा कहा जाता है कि जिस भी व्यक्ति पर शनि की ढैया होती है। उन्हें शनिवार के दिन शनिदेव की पूजा-आराधना करनी चाहिए। ऐसा करने से उनके समस्त दुखों का नाश होता है। हालांकि, इस दिन हनुमान जी की भी पूजा करने का विधान है। इस बारे में भी मान्यता है कि अगर हनुमान जी की पूजा-आराधना सच्ची श्रद्धा और भक्ति से करें तो शनि के बुरे प्रकोप से बचा जा सकता है। बहुत कम लोगों को इस कथा के बारे में पता है, जिस कारण शनिवार के दिन शनिदेव के साथ हनुमान जी की भी पूजा करने का विधान है। अगर आपको नहीं पता है तो आइए इस कथा को जानते हैं।

शनिदेव को कारागार से मुक्त किया

कथानुसार, जब लंकापति रावण ने माता सीता का हरण कर लिया था तो उस समय हनुमान जी अपने प्रभु श्रीराम का संदेश लेकर लंका पहुंचे, जहां उन्हें बंदीगृह में शनि देव दिखे। ऐसा कहा जाता है कि किसी कारणवश लंकापति रावण ने शनि देव को बंदी बनाकर कारागार में डाल दिया था। वहीं, जब हनुमान जी की उन पर नज़र पड़ी तो उन्होंने शनिदेव को कारागार से मुक्त किया।

शनि देव ने हनुमान जी को वचन दिया

उस समय शनि देव ने हनुमान जी को वचन दिया कि आपके भक्तों पर कभी शनि की साढ़े साती नहीं लगेगी और जो भक्त शनिवार के दिन मेरी पूजा के साथ साथ आपकी भी पूजा करेंगे। उसकी सभी मनोकामनाएं शीघ्र पूरी होंगी। उस समय से ही शनिवार के दिन शनिदेव के साथ-साथ हनुमान जी की भी पूजा का विधान है।

 मंगलवार का दिन भी हनुमान जी को समर्पित है

अगर आपके जीवन में किसी प्रकार की कोई भी समस्या है तो आप हनुमान जी की शरण में जाएं, उनकी कृपा से आपके समस्त दुखों का नाश होगा और आपके जीवन में मंगल का आगमन होगा। त्रेता युग से लेकर कलयुग में भी भी शनिवार के दिन हनुमान जी की पूजा की जाती है। इसके साथ ही मंगलवार का दिन भी हनुमान जी को समर्पित है।

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