रविवार को की जाती है सूर्यदेव की पूजा, यहां जानें इनके बारे में अहम बातें
आज रविवार है और आज का दिन सूर्यदेव को समर्पित होता है। सूर्य के बारे में कई लोगों को बहुत ज्यादा पता नहीं होता है। ऐसे में जागरण अध्यात्म के इस लेख में हम आपको सूर्यदेव की कुछ बातों की जानकारी दे रहे हैं।
आज रविवार है और आज का दिन सूर्यदेव को समर्पित होता है। आज के दिन सूर्यदेव की पूजा पूरे विधि-विधान के साथ की जाती है। ज्योतिष के अनुसार, हर ग्रह की परिभाषा अलग होती है। कथाओं के अनुसार, सूर्य, चन्द्रमा, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र, शनि, राहु और केतु नौ ग्रहों में गिने जाते हैं। सूर्यदेव को प्रसन्न करने के लिए कई तरह के कार्य किए जाते हैं जिनमें सूर्य को अर्घ्य देना भी शामिल है। सूर्य के बारे में कई लोगों को बहुत ज्यादा पता नहीं होता है। ऐसे में जागरण अध्यात्म के इस लेख में हम आपको सूर्यदेव की कुछ बातों की जानकारी दे रहे हैं।
जानें सूर्यदेव के बारे में ये बातें: सभी ग्रहों के मुखिया सूर्य हैं। सूर्यदेव की उपासना का प्रचलन वैदिक काल से ही चला आ रहा है। सूर्यदेव के हाथ और बाल सोने के हैं। सूर्यदेव के रथ को 7 घोड़े खींचते हैं। ये 7 घोड़ें 7 चक्रों का प्रतिनिधित्व करते हैं। पौराणिक कथाओं के अनुसार, सूर्य की प्रसिद्ध संततियों में हैं शनि, यम और कर्ण है। सूर्य देव रविवार और इतवार के रवि के रूप में स्वामी हैं। वेदों में जगत की आत्मा सूर्य को बताया गया है। पृथ्वी पर जीवन सूर्य की वजह से ही है। सूर्य को नवग्रहों में राजा का पद प्राप्त हुआ है। सूर्यदेव को प्रसन्न करने के लिए प्रतिदिन उन्हें अर्घ्य दिया जाता है। हर दिन एक निश्चित संख्या में ॐ घृणि सूर्याय नम: मंत्र का जाप किया जाता है। सूर्य का एक नाम सविता भी है। वहीं, सूर्यस्वरूप सबसे पहले सृष्टि में जो प्रकट हुआ उसका नाम आदित्य पड़ा। सूर्य का एक अन्य नाम सविता भी है।
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