Ganesh Puran: गणेश पुराण में समाई है श्री गणेश की जीवन लीलाएं, महर्षि वेदव्यास ने की थी रचना

Ganesh Puran आज बुधवार है। गणपति का वार है। सभी देवों में सर्वप्रथम अराध्य गणपति भगवान को लोग घर दुकानों पर लगे प्रवेश द्वार से लेकर घरों प्रतिष्ठानों के मंदिर स्थल तक में विराजमान करते हैं। हर कार्य में पहले उन्हें सिद्ध करते हैं आमंत्रण देते हैं।

By Kartikey TiwariEdited By: Publish:Wed, 11 Nov 2020 12:10 PM (IST) Updated:Wed, 11 Nov 2020 12:10 PM (IST)
Ganesh Puran: गणेश पुराण में समाई है श्री गणेश की जीवन लीलाएं, महर्षि वेदव्यास ने की थी रचना
Ganesh Puran: गणेश पुराण में समाई है श्री गणेश की जीवन लीलाएं

Ganesh Puran: आज बुधवार है। गणपति का वार है। सभी देवों में सर्वप्रथम अराध्य गणपति भगवान को लोग घर दुकानों पर लगे प्रवेश द्वार से लेकर घरों प्रतिष्ठानों के मंदिर स्थल तक में विराजमान करते हैं। हर कार्य में पहले उन्हें सिद्ध करते हैं, आमंत्रण देते हैं। गणेश जी की कीर्तियों का बखान गणेश पुराण में मिलता है। हिन्दु धर्म की मान्यताओं में जो आख्यान शुमार किए जाते हैं, उनमें पुराण एक बहुत बड़ा स्त्रोत हैं। कुल 18 पुराण हैं। महर्षि वेद व्यास को इन पुराणों का रचियता माना गया है। 18 पुराणों में देवी देवताओं को आदर्श बताया गया है। पुराणों में देवी देवताओं की कहानी के साथ पुण्य और पाप का प्रतिफल बताया गया है ताकि सुनने वाले पाप—पुण्य का फेर समझ सकें।

वेद व्यास लिखित 18 पुराणों में से एक है, गणेश पुराण। गणेश पुराण में पांच खंड हैं। पहला खंड आरंभ खंड है। दूसरा खंड परिचय है। सभी खंडों में किस्से हैं, कथाएं हैं, कीर्ति वर्णन है। गणेश पुराण में गणेश जी की लीलाओं का बखान है। गणेश पुराण में तीसरा खंड मां पार्वती पर आधारित खंड है। इसमें पार्वती जी के जन्म, शिव विवाह की कहानी है। सबसे रोचक है, चौथा खंड है। चौथा खंड, युद्ध खंड है। मत्सर असुर की कहानी इसी खंड में आती है। पांचवा खंड महादेव पुण्य कथा पर है। इस खंड में सतयुग, त्रेतायुग, द्वापर युग के बारे में बताया गया है।

गणेश जी की ढेरों कहानियां पढ़ना और सुनना चाहते हैं तो गणेश पुराण बेहतर पाठ्य ग्रंथ है। गणेश प्रथम पूज्य क्यों हैं? ये कहानी तो सब जानते हैं लेकिन उनसे जुड़ी और कहानियों के लिए गणेश पुराण सर्वश्रेष्ठ संदर्भ है। गणेश जी की अपरम्पार लीलाओं का सार गणेश पुराण में समाहित किया गया है। उनके विभिन्न नामों के पीछे की कहानी भी आपको इस पुराण में मिलेंगी।

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