देवराह बाबा के आश्रम में छाया मातमी सन्नाटा

देवराहा बाबा आश्रम के छोटे महराज की मौत की खबर से भक्तों की चहल-पहल से गुलजार रहने वाले आश्रम में सन्नाटा पसरा है। गुरुवार को उत्तराखंड के बेनाकुली के पास अलखनंदा नदी में उनका शव मिला था। इसकी सूचना आते ही माहौल गमगीन हो गया। भक्त बाबा की हत्या की आशंका भी जता रहे हैं। शव रविवार को आश्रम लाया जाएगा। यमुना पार

By Edited By: Publish:Mon, 22 Sep 2014 01:08 PM (IST) Updated:Mon, 22 Sep 2014 01:08 PM (IST)
देवराह बाबा के आश्रम में छाया मातमी सन्नाटा

वृंदावन। देवराहा बाबा आश्रम के छोटे महराज की मौत की खबर से भक्तों की चहल-पहल से गुलजार रहने वाले आश्रम में सन्नाटा पसरा है। गुरुवार को उत्तराखंड के बेनाकुली के पास अलखनंदा नदी में उनका शव मिला था। इसकी सूचना आते ही माहौल गमगीन हो गया। भक्त बाबा की हत्या की आशंका भी जता रहे हैं। शव रविवार को आश्रम लाया जाएगा।

यमुना पार स्थित आश्रम प्रबंधक लव महाराज ने बताया देवराह बाबा के शिष्य रामदास छोटे महाराज अपने सेवक ज्ञानदास केसाथ उत्तराखंड में साधना के लिए एक अगस्त को गए थे। दो अगस्त की रात आश्रम पहुंचे ज्ञानदास ने बताया कि छोटे महाराज बद्रीनाथ से पहले हनुमान चट्टी के पास उसकी दो बहनों 16 वर्षीय राधा और 18 वर्षीय शारदा के साथ पूजा करने बैठ गए और उसे किसी काम से शहर भेज दिया। उसने बताया कि लौटने पर उसे न तो बहनें मिलीं और न छोटे महाराज।

सेवक की बातों पर शक होने पर रामदास के बड़े भाई देवदास बड़े महराज को संदेह हुआ, तो उन्होंने खुद मौके पर जाकर देखा और मामले में 5 अगस्त को बद्रीनाथ थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवा दी। 15 अगस्त को जांच अधिकारी सब इंस्पेक्टर सुभाष कुमार वृंदावन पहुंचे। यहां आने के बाद वे देवराहा बाबा आश्रम पर गए और छोटे महाराज केकमरे का अवलोकन किया। जांच अधिकारी को कमरे में कोई ऐसी वस्तु नहीं मिली, जिससे जांच में मदद मिल पाती। उन्हें कपड़ों के अलावा कुछ भी नहीं मिला। आश्रम के कर्मचारियों ने पूछताछ के दौरान बताया कि सेवक ज्ञानदास जब उत्तराखंड से लौटा था तो छोटे महाराज का कमरा खोलकर दो बैग ले गया था।

गुरुवार की रात आठ बजे छोटे महराज का शव नदी में मिलने की सूचना दी गई।

भरोसेमंद सेवक था ज्ञानदास-देवराह बाबा के शिष्य छोटे महाराज का सबसे भरोसेमंद सेवक था ज्ञानदास, जिस पर उनकी हत्या की साजिश रचने का संदेह जताया जा रहा है। आश्रम प्रबंधन के अनुसार पिछले 16 सालों से छोटे महाराज की सेवा में लगा था और छोटे महाराज से मिलने के लिए हर किसी को उसकी अनुमति लेनी जरूरी थी।

ज्ञानदास के नाम है वृंदावन का आश्रम-उत्तराखंड पुलिस की जांच में चौंकाने वाला सच सामने आया वृंदावन की परिक्रमा मार्ग में छोटे महाराज ने धर्मशाला के तौर पर जिस आश्रम का निर्माण करवाया, कागजातों में उसका मालिक ज्ञानदास है। फिलहाल कई और बातों से संदेह गहराता जा रहा है।

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