Bakrid 2020: ईद पर कोरोना की मार, नहीं लगी बकरामंडी, महंगे हुए बकरे

Bakrid 2020 कोराना के कारण 2020 की दोनों ईद हर बार से फीकी सी नजर आ रही हैं। मस्जिदों में नमाज नहीं हो पाई और बाजार भी नहीं सज पाए थे।

By Shilpa SrivastavaEdited By: Publish:Wed, 29 Jul 2020 12:15 PM (IST) Updated:Wed, 29 Jul 2020 12:15 PM (IST)
Bakrid 2020: ईद पर कोरोना की मार, नहीं लगी बकरामंडी, महंगे हुए बकरे
Bakrid 2020: ईद पर कोरोना की मार, नहीं लगी बकरामंडी, महंगे हुए बकरे

Bakrid 2020: कोराना के कारण 2020 की दोनों ईद हर बार से फीकी सी नजर आ रही हैं। रमजान के महीने के ठीक बाद आने वाली मीठी ईद इस बार लोगों ने कोरोना के कहर के साये में मनाई। मस्जिदों में नमाज नहीं हो पाई और बाजार भी नहीं सज पाए थे। लगभग 70 दिन बाद आने वाले बकरीद पर भी इसका असर देखने को मिल रहा है। जहां देश के कई शहरों में पशु मंडी लगी हैं वहीं राजस्थान की राजधानी जयपुर में शहर में बकरामंडी लगाने की प्रशासन ने अभी तक अनुमति नहीं दी, इस कारण कुर्बानी के बकरे मिलना मुश्किल हो रहा है।

ऐसे हालात में बकरा व्यवसायी परेशान हैं। ईदगाह रोड पर हर साल बकरा मंडी लगती रही है। इस बार यहां कोरोना केस ज्यादा होने के कारण पुलिस का जाप्ता तैनात है। लोगों का कहना है कि लोग बेरोजगार हो गए हैं, जिन्होंने ईद के लिए बकरे पाले थे, वो बेच नहीं पा रहे हैं।

पुराने जयपुर यानी कि परकोटे के मुस्लिम समुदाय के लोगों का कहना है कि बकरा मंडी नहीं लगने के चलते दोगुने दामों में कुर्बानी का जानवर खरीदना पड़ रहे हैं। सुभाष चौक के बाशिंदे अब्दुल का कहना है कि हर साल कुर्बानी के लिए शहर की मंडी से कुर्बानी का जानवर खरीदते हैं, लेकिन इस बार उन्हें गांव से बकरा खरीद कर लाना पड़ा। इस आपदा में दाम ज्यादा हो गए हैं। गिनी चुनी जगह बकरे मिल रहे हैं और वो जो मर्जी आए, वो दाम वसूल रहे हैं।

ईद उल अजहा से कुछ दिनों पहले ही शहर में उत्साह का माहौल छा जाता था और लोग कुर्बानी के जानवर की खरीद—फरोख्त में लग जाया करते थे, लेकिन कोरोना के चलते इस बार सन्नाटा पसरा है। जयपुर में परकोटा वो इलाका है जहां सबसे पहले स्थानीय निवासियों में कोरोना का केस निकला था। वहां अभी तक दहशत का माहौल है क्योंकि कोरोना केसेज में कमी नहीं आ रही है। ईदगाह की तरफ भी सन्नाटा है, यहां हर साल बकरा मंडी लगा करती थी। ईद उल-अज़हा से पूर्व ही जयपुर की बकरा मंडी जिलेभर से लोग अपने पालतू जानवर बेचने आते थे। राजधानी होने के कारण जयपुर में राजस्थान के बाहर से भी लोग यहां बकरों की खरीददारी करने आते थे। 

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