चारधाम यात्रा को आर्थिकी के नजरिये से देखना धर्म विरुद्ध

ज्योतिषपीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने कहा कि पौराणिक ज्योतिषपीठ ज्योतिर्मठ में नहीं, अपितु नृसिंह मंदिर परिसर में है। इसीलिए आदि गुरु शंकराचार्य की गद्दी बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने के बाद नृसिंह मंदिर परिसर में रखी जाती है। छह माह तक श्रद्धालु वहीं पूजा अर्चना करते हैं। बदरीनाथ

By Preeti jhaEdited By: Publish:Sat, 30 May 2015 03:37 PM (IST) Updated:Sat, 30 May 2015 03:41 PM (IST)
चारधाम यात्रा को आर्थिकी के नजरिये से देखना धर्म विरुद्ध

बदरीनाथ। ज्योतिषपीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने कहा कि पौराणिक ज्योतिषपीठ ज्योतिर्मठ में नहीं, अपितु नृसिंह मंदिर परिसर में है। इसीलिए आदि गुरु शंकराचार्य की गद्दी बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने के बाद नृसिंह मंदिर परिसर में रखी जाती है। छह माह तक श्रद्धालु वहीं पूजा अर्चना करते हैं।

बदरीनाथ धाम के प्रवास पर आए शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि सरकार चारधाम यात्रा को मात्र आर्थिकी बढ़ाने के नजरिए से देख रही है। जो शास्त्र और धर्म के विरुद्ध है। शंकराचार्य ने कहा कि वर्षभर चार धाम की यात्रा भी धर्मसम्मत नहीं है। जब धर्म के विरुद्ध कार्य किया जाता है तभी आपदा, अकाल, भय आदि के रूप में दुष्परिणाम सामने आते हैं। उन्होंने गंगा की स्वच्छता को लेकर कहा कि गंगा की सफाई घाटों की सफाई करने से नहीं होगी, बल्कि गंगा की अविरल धारा को स्वच्छ रखने से होगी। शंकराचार्य आश्रम में श्रद्धालुओं ने शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती से आशीर्वाद लिया। इससे पहले शंकराचार्य ने शेषनेत्र स्थित आश्रम में बने मणि रत्नेश्वर महादेव की पूजा अर्चना में भाग लिया। इस अवसर पर स्वामी रामानंद ब्रह्मचारी, मंदिर समिति के पूर्व सदस्य दिनकर बाबुलकर भी मौजूद थे।

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