बांके बिहारी मंदिर में उमड़ी भक्तों की भीड़

अक्षय तृतीया पर बांकेबिहारी समेत अनेक मंदिरों में चरण व सर्वांग दर्शन की भागमभाग के बाद श्रद्धालुओं ने बुधवार को शहर के अन्य मंदिरों का रुख किया। यहां के इतिहास और भगवान द्वारा की गई लीलाओं की जानकारी ली। यमुना स्नान, पंचकोसीय परिक्रमा कर हरिनाम संकीर्तन भी किया।

By Preeti jhaEdited By: Publish:Thu, 23 Apr 2015 04:16 PM (IST) Updated:Thu, 23 Apr 2015 04:20 PM (IST)
बांके बिहारी मंदिर में उमड़ी भक्तों की भीड़

वृंदावन। अक्षय तृतीया पर बांकेबिहारी समेत अनेक मंदिरों में चरण व सर्वांग दर्शन की भागमभाग के बाद श्रद्धालुओं ने बुधवार को शहर के अन्य मंदिरों का रुख किया। यहां के इतिहास और भगवान द्वारा की गई लीलाओं की जानकारी ली। यमुना स्नान, पंचकोसीय परिक्रमा कर हरिनाम संकीर्तन भी किया।

अक्षय तृतीया पर्व पर मंगलवार को शहर में चारों ओर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ का दवाब बना रहा। देर शाम तक भीड़ में कमी देखी गई। लेकिन हजारों श्रद्धालु वृंदावन में ही रुके रहे। अक्षय तृतीया पर्व पर इन श्रद्धालुओं ने मात्र बांकेबिहारी और सप्तदेवलयों के ही दशन किए। दूसरे दिन बुधवार को भोर में ही हजारों श्रद्धालु परिक्रमा को निकल पड़े। परिक्रमा में श्रद्धालुओं के सैकड़ों दल भजन-संकीर्तन कर चल रहे थे। इस बीच पड़े मंदिरों में भी धार्मिक आयोजन हुए। पंचकोसीय परिक्रमा और दान-पुण्य के बाद श्रद्धालुओं ने प्राचीन राधाबल्लभ मंदिर, सेवाकुंज, निधिवन राज मंदिर, शाहजी मंदिर, इस्कॉन, प्रेम मंदिर, रंगजी मंदिर, कात्यायनी पीठ के अलावा हजारों की संख्या में शहर के मंदिरों में दर्शन कर पुण्य लाभ लिया। साथ ही बाजारों में जमकर खरीदारी की।

पर्व के दौरान आये श्रद्धालुओं ने बाजार में ठाकुरजी की पोशाक, श्रृंगार, मोरमुकुट, काछनी और साबुन, धूप, अगरबत्ती, चंदन के अलावा खस-इत्र की जमकर खरीद की। इनमें कई श्रद्धालुओं ने लड्डूगोपाल की प्रतिमा भी खरीदी। जिन्हें घर में विराजमान करवाकर उनकी नियमित रूप से सेवा-पूजा करने का संकल्प लिया।बुधवार को वृंदावन के श्री बांके बिहारी जी मंदिर और बाहर गली में श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़।अक्षय तृतीया पर बाजार में सबसे अधिक चंदन की बिक्री हुई। श्रृंगार और पूजा सामग्री विक्रेता विवेक अग्रवाल ने बताया कि श्रद्धालुओं ने ठाकुरजी की पोशाक के साथ लकड़ी व लाल चंदन की जमकर खरीदारी की।

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