Gudi Padwa 2024: गुड़ी पड़वा पर सर्वार्थ सिद्धि योग समेत बन रहे हैं ये 3 अद्भुत संयोग, प्राप्त होगा अक्षय फल
ज्योतिषियों की मानें तो चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 08 अप्रैल को देर रात 11 बजकर 50 मिनट पर शुरू होगी और 09 अप्रैल को संध्या काल 08 बजकर 30 मिनट पर समाप्त होगी। सनातन धर्म में उदया तिथि मान है। अतः 09 अप्रैल को गुड़ी पड़वा मनाया जाएगा। गुड़ी पड़वा पर एक साथ कई शुभ संयोग बन रहे हैं।
HighLights
- चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि पर अमृत सिद्धि योग का भी निर्माण हो रहा है।
- हर वर्ष चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को गुड़ी पड़वा मनाया जाता है।
- यह पर्व दक्षिण और पश्चिम भारत के कई राज्यों में धूमधाम से मनाया जाता है।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Gudi Padwa 2024: हर वर्ष चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को गुड़ी पड़वा मनाया जाता है। इस प्रकार, साल 2024 में 09 अप्रैल को गुड़ी पड़वा है। यह पर्व दक्षिण और पश्चिम भारत के कई राज्यों में धूमधाम से मनाया जाता है। खासकर, महाराष्ट्र में गुड़ी पड़वा की विशेष धूम रहती है। इस दिन से ही चैत्र नवरात्र का आरंभ होता है। ज्योतिषियों की मानें तो गुड़ी पड़वा पर एक साथ कई शुभ संयोग बन रहे हैं। इन योग में त्रिदेव की पूजा करने से साधक को अक्षय फल की प्राप्ति होगी। आइए, इन योग के बारे में जानते हैं-
शुभ मुहूर्त
ज्योतिषियों की मानें तो चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 08 अप्रैल को देर रात 11 बजकर 50 मिनट पर शुरू होगी और 09 अप्रैल को संध्या काल 08 बजकर 30 मिनट पर समाप्त होगी। सनातन धर्म में उदया तिथि मान है। अतः 09 अप्रैल को गुड़ी पड़वा मनाया जाएगा।
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सर्वार्थ सिद्धि योग
गुड़ी पड़वा के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग का निर्माण हो रहा है। इस योग का निर्माण प्रातः काल 07 बजकर 32 मिनट से हो रहा है, जो अगले दिन यानी 10 अप्रैल को प्रातः काल 05 बजकर 06 तक है। इस योग में शुभ कार्य करने से सिद्धि प्राप्ति होती है। साथ ही ईश्वर का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
अमृत सिद्धि योग
चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि पर अमृत सिद्धि योग का भी निर्माण हो रहा है। इस योग का निर्माण प्रातः काल 07 बजकर 32 मिनट से लेकर अप्रैल 10 को प्रातः काल 05 बजकर 06 मिनट तक है। ज्योतिष अमृत और सर्वार्थ सिद्धि योग को शुभ कार्यों के लिए श्रेष्ठ मानते हैं। वहीं, गुड़ी पड़वा के दिन पंचक का समय सुबह 06 बजकर 02 मिनट से लेकर सुबह 07 बजकर 32 मिनट तक है। इसके अलावा, गुड़ी पड़वा के दिन बव करण का भी निर्माण हो रहा है। इस कारण का निर्माण सुबह 10 बजकर 09 मिनट से शाम 08 बजकर 30 मिनट तक है।
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