सबके सहयोग से निर्मल होंगी गंगा

इलाहाबाद। पतित पावनी मां गंगा में बने बांध, छोड़े जा रहे नालों के पानी से व्यथित गंगा महासभा के संयोजक न्यायमूर्ति गिरिधर मालवीय ने इसके लिए सामूहिक आंदोलन पर जोर दिया। कहा कि गंगा में गिर रहा नालों का पानी, जगह-जगह बने बांध सबसे बड़ी समस्या हैं। इसे दूर किए बिन गंगा को अविरल-निर्मल बनाना मुमकिन नहीं है। इसके लिए समाज के हरवर्ग को आगे आना होगा। दो दिसंबर को बन रही गंगा समग्र मानव श्रृंखला से लोगों हम लोगों के स्वाभिमान को जगाएंगे, ताकि वह गंगा की अविरलता की लड़ाई में जाति, धर्म के बंधनों से मुक्त होकर अपना योगदान दें। न्यायमूर्ति मालवीय ने कहा कि गंगा के जल से करोड़ों लोगों की जीविका चलती है, इसलिए उनकी अविरलता के लिए सामूहिक प्रयास करना होगा। उन्होंने कहा कि बांध से गंगा जल को काफी नुकसान पहुंच रहा है। इसके पहले 20वीं शताब्दी में अंग्रेजों ने हरिद्वार में बांध बनाना शुरू किया तो महामना मदन मोहन मालवीय ने देशव्यापी आंदोलन छेड़ा। समाज के हरवर्ग ने उन्हें अपना समर्थन दिया। इसके बाद अंग्रेज सरकार से बांध न बनाने पर एग्रीमेंट हुआ, जो आज भी मौजूद है। बावजूद इसके गंगा पर आज भी एक के बाद एक बांध बनाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि गंगा को बचाने के लिए हमें महामना के पदचिह्नों पर चलना होगा, मानव श्रृंखला उसी का हिस्सा है। इसके माध्यम से सरकार को चेतावनी देने के साथ समाज के हरवर्ग को जोड़ा जाएगा। इसमें इलाहाबाद महानगर में दस हजार से अधिक लोग शामिल होंगे।

By Edited By: Publish:Wed, 28 Nov 2012 01:20 PM (IST) Updated:Wed, 28 Nov 2012 01:20 PM (IST)
सबके सहयोग से निर्मल होंगी गंगा

इलाहाबाद। पतित पावनी मां गंगा में बने बांध, छोड़े जा रहे नालों के पानी से व्यथित गंगा महासभा के संयोजक न्यायमूर्ति गिरिधर मालवीय ने इसके लिए सामूहिक आंदोलन पर जोर दिया। कहा कि गंगा में गिर रहा नालों का पानी, जगह-जगह बने बांध सबसे बड़ी समस्या हैं। इसे दूर किए बिन गंगा को अविरल-निर्मल बनाना मुमकिन नहीं है। इसके लिए समाज के हरवर्ग को आगे आना होगा। दो दिसंबर को बन रही गंगा समग्र मानव श्रृंखला से लोगों हम लोगों के स्वाभिमान को जगाएंगे, ताकि वह गंगा की अविरलता की लड़ाई में जाति, धर्म के बंधनों से मुक्त होकर अपना योगदान दें।

न्यायमूर्ति मालवीय ने कहा कि गंगा के जल से करोड़ों लोगों की जीविका चलती है, इसलिए उनकी अविरलता के लिए सामूहिक प्रयास करना होगा। उन्होंने कहा कि बांध से गंगा जल को काफी नुकसान पहुंच रहा है। इसके पहले 20वीं शताब्दी में अंग्रेजों ने हरिद्वार में बांध बनाना शुरू किया तो महामना मदन मोहन मालवीय ने देशव्यापी आंदोलन छेड़ा। समाज के हरवर्ग ने उन्हें अपना समर्थन दिया। इसके बाद अंग्रेज सरकार से बांध न बनाने पर एग्रीमेंट हुआ, जो आज भी मौजूद है। बावजूद इसके गंगा पर आज भी एक के बाद एक बांध बनाए जा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि गंगा को बचाने के लिए हमें महामना के पदचिह्नों पर चलना होगा, मानव श्रृंखला उसी का हिस्सा है। इसके माध्यम से सरकार को चेतावनी देने के साथ समाज के हरवर्ग को जोड़ा जाएगा। इसमें इलाहाबाद महानगर में दस हजार से अधिक लोग शामिल होंगे।

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