सावन महीने का सबसे पुण्यकारी दिन है नागपंचमी

सावन महीने का आज सबसे पुण्यकारी दिन है, जिसमें तीसरे सोमवार को शिव के साथ पंचमी तिथि पड़ने से नागदेव की पूजा की जाएगी। भगवान शंकर सर्पो को धारण करते हैं, शिव जी का निर्गुण, निरंकार रूप शिवलिंग भी सर्पो से सजता है,

By Edited By: Publish:Mon, 23 Jul 2012 03:11 PM (IST) Updated:Mon, 23 Jul 2012 03:11 PM (IST)
सावन महीने का सबसे पुण्यकारी दिन है नागपंचमी

इलाहाबाद। सावन महीने का आज सबसे पुण्यकारी दिन है, जिसमें तीसरे सोमवार को शिव के साथ पंचमी तिथि पड़ने से नागदेव की पूजा की जाएगी। भगवान शंकर सर्पो को धारण करते हैं, शिव जी का निर्गुण, निरंकार रूप शिवलिंग भी सर्पो से सजता है, भगवान विष्णु शेषनाग की शैया पर शयन करते हैं। इसलिए सनातन धर्म में सर्प पूजा का विशेष विधान है। काल सर्पदोष की शांति के लिए घरों एवं मंदिरों में विशेष अनुष्ठान किया जाएगा। मनकामेश्‌र्र्वर, पंचमुखी महादेव, भोलेगिरि, शिवकोटि, नाग वासुकी, दशाश्‌र्र्वमेध महादेव, तक्षकतीर्थ आदि मंदिरों में पूरे दिन भारी संख्या में भक्त दर्शन-पूजन व भजन किया जाएगा। ज्योतिर्विद आचार्य अविनाश राय के अनुसार, सावन माह की पंचमी तिथि सोमवार की सुबह 7.30 बजे से लग जाएगी जो मंगल की सुबह 5.55 बजे तक रहेगी। सोमवार को अनुष्ठान व पूजन का सबसे उपयुक्त समय सुबह 6.30 से 7.30 बजे तक है। इस दौरान की गई पूजा को सिद्धी प्राप्त होगी। इसके बाद नौ बजे तक राहुकाल लग जाएगा, इसमें पूजन व अनुष्ठान से बचना चाहिए। श्री राय के अनुसार जिसकी कुंडली में काल सर्पदोष है उन्हें देव स्थान पर कच्चे दूध में शहद या चीनी मिलाकर उसमें धान का लावा डालकर नागदेव को चढ़ाना चाहिए, तथा अपनी साम?र्थ्य के अनुसार सोना, चांदी, तांबा या आटे का सर्प बनाकर चार अंगुल से बड़ा सर्प बनाकर उसे शिवलिंग में चढ़ाकर दुग्धाभिषेक करने से सर्पदोष से मुक्ति मिलती है।

द्वार पर बनाएं सर्प की आकृति भारतीय विद्या भवन में ज्योतिष विभाग के प्राचार्य त्रिवेणी प्रसाद त्रिपाठी के अनुसार, सर्पभय से मुक्ति के लिए घर के मुख्य द्वार पर गोबर से पांच सिर वाले नाग की आकृति बनाकर पूजन करना चाहिए। इसमें दूध, दुर्वा, कुशा, गंध, चंदन, सफेद फूल, अक्षत चढ़ाकर पूजन करना चाहिए। इसमें ऊं कुरुकुल्ये हुं फट स्वाहा या ओम नवकुलाए विदमाह विषदंताय् धीमही तनो सर्प प्रचोदयात मंत्र का जाप करने से सर्पभय से मुक्ति मिलती है।

गहरेबाजी भी होगी- सावन पर गहरेबाजी को लेकर लोगों में खासा उत्साह है। तीसरे सोमवार को भी मेडिकल चौराहा से बैरहना रेलवे डांट का पुल तक गहरेबाजी होगी।

बम भोले से गूंजा घाट-बाबा धाम में कांवरियों का जाना लगातार जारी है। रविवार को दूर-दूर से आए सैकड़ों की संख्या में कांवरियों ने दशाश्‌र्र्वमेध घाट से जल भरकर बाबा धाम के लिए रवाना हुए। वह बम भोले, हर-हर महादेव का जयघोष करते हुए चल रहे थे। कुछ कांवरियें यहीं रुक गए वह सोमवार को दशाश्‌र्र्वमेध व मनकामेश्‌र्र्वर महादेव को जल चढ़ाएंगे।

नागपंचमी पर आज लगेंगे मेले-

नाग पंचमी के पावन पर्व पर सोमवार को शहर में कई स्थानों पर गुडि़या का मेला लगाया जाएगा। इसकी तैयारी रविवार की देर रात तक होती रही। झूले, खिलौने और खाने-पीने के सामानों की दुकानों को सजाने के लिए दुकानदार ठौर की तलाश करते देखे गए। गुडि़या का मेला प्राचीन नागवासुकी मंदिर दारागंज, सीएमपी डाट का पुल, बिजली घर, गुडि़या तालाब, शिवकुटी, बलुआघाट एवं कीडगंज स्थित बीच वाली सड़क पर परंपरागत ढंग से लगाया जाएगा। मेले को लेकर बच्चों में खासा उत्साह देखने को मिला। वहीं शिवकुटी व बलुआघाट में सड़क, सफाई व प्रकाश की उचित व्यवस्था न होने पर समाजसेवी संगठनों ने नाराजगी व्यक्त की है। उनका कहना है कि ऐसे में भीड़ बढ़ने के कारण मेले में आने वाले लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा।

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