कांवर लेकर पहुंचे भक्तों का भव्य स्वागत

श्रावण मास के आरंभ होते ही जहां शिवालयों में पूजा-अर्चना व जलाभिषेक के लिए श्रद्धालुओं का तांता लगा है, वहीं कांवर लेने गए भक्त हरिद्वार से कांवर लेकर अपने-अपने क्षेत्रों में पहुंचने लगे हैं।

By Edited By: Publish:Wed, 18 Jul 2012 04:29 PM (IST) Updated:Wed, 18 Jul 2012 04:29 PM (IST)
कांवर लेकर पहुंचे भक्तों का भव्य स्वागत

रानीखेत। श्रावण मास के आरंभ होते ही जहां शिवालयों में पूजा-अर्चना व जलाभिषेक के लिए श्रद्धालुओं का तांता लगा है, वहीं कांवर लेने गए भक्त हरिद्वार से कांवर लेकर अपने-अपने क्षेत्रों में पहुंचने लगे हैं। मंगलवार को मजखाली क्षेत्र के श्रद्धालुओं के कांवर लेकर मजखाली पहुंचने पर क्षेत्रवासियों ने ढ़ोल-नगाड़ों के साथ उनका भव्य स्वागत किया।

मल्ली रियूनी के प्रदीप अधिकारी ने बताया कि एक सप्ताह पूर्व मजखली क्षेत्र के वीरेन्द्र सिंह, पंकज सिंह, महेन्द्र सिंह, पान सिंह, भूपेन्द्र सिंह, कुबेर सिंह, पूरन सिंह, मनोज, विनोद, देवेन्द्र, नवीन अधिकारी सहित करीब दर्जन भर युवा श्रद्धालु कांवर लेने हरिद्वार के लिए रवाना हुए। हरिद्वार से कांवर में जल भरने के बाद श्रद्धालु कोटद्वार, कालागढ़, रामनगर, भतरौंजखान, ताड़ीखेत, रानीखेत होते हुए गत रविवार की सायं मजखाली वापस पहुंचे। जहां ग्रामीणों ने ढोल-गगाड़ों के साथ उनका जोरदार स्वागत किया। इस दौरान पूरा क्षेत्र बम-बम भोले व हर-हर महादेव के उद्घोष से गुंजायमान हो गया। इससे पूर्व सोमवार की अपराह्न कांवरियों के ताड़ीखेत पहुंचने पर क्षेत्र के लोगों ने ग्वेल मंदिर परिसर में उनका स्वागत किया। कांवरिओं द्वारा कांवर के जल से अपने-अपने क्षेत्रों के शिवालयों में जलाभिषेक किया जाएगा।

कांवड़ यात्रा संपन्न, प्रशासन को राहत-

प्रशासन यात्रा की अग्नि परीक्षा परीक्षा में पास हो गया है। डाक कांवड़ लगभग संपन्न हो गई है और जलाभिषेक कार्यक्त्रम संपन्न कराने की तैयारियां जोरों पर हैं।

कांवडि़यों की संख्या अनुमान से अधिक होने के कारण प्रशासन की शनिवार से अग्नि परीक्षा शुरू हो गई थी। अधिकारी से लेकर कर्मचारी तक डाक कांवड़ को संपन्न कराने को दिनरात जूझते रहे। सोमवार की रात को जाकर जब डाक कांवड़ यात्रा संपन्न होती गई तो प्रशासन ने राहत की सांस लेना शुरू की। दरअसल इस बार कांवडि़यों की संख्या पूर्व की यात्राओं की तुलना में चालीस फीसदी अधिक रही। राज्य की सीमा से सटे क्षेत्रों के गांवों से युवक बड़ी संख्या में गंगाजल लेने हरिद्वार पहुंचे। हरिद्वार जिले के गांवों से भी कांवडि़यों का सैलाब उमड़ा, लेकिन यात्रा सकुशल संपन्न हो गई। कांवडि़यों की इतनी अधिक संख्या के बावजूद किसी भी मार्ग पर जाम न लगने व यात्रा सुचारू संपन्न होने की कई वजह रही। इसमें अधिकारियों द्वारा यात्रा को लेकर किया गया होमवर्क काम आया। प्रशासन यात्रा की तैयारियों के दौरान ही उत्पन्न होने वाली दिक्कतों व उन पर पार पाने को अपनाए जाने वाले तरीके ढूंढ लिए गए थे। जिलाधिकारी सचिन कुर्वे व एसएसपी अरुण मोहन जोशी के अलावा कई अन्य अधिकारियों का पूर्व की कांवड़ यात्रा संपन्न कराने का अनुभव भी काम आया। प्रशासन ने इस बार बैठकों पर कम और धरातलीय इंतजाम पर अधिक जोर रखा। उन्हीं समाजसेवी संगठनों का सहयोग लिया गया, जो सेवा कराना चाहते थे। यात्रा को संपन्न कराने में स्थानीय लोगों का भी बड़ा योगदान रहा है।

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