काशी में अब नहीं रहेगी गंगा मैली

गंगा सेवा अभियानम् स्वच्छ गंगा, सुंदरघाट की कार्ययोजना को मूर्तरूप देने में सफल हो गया तो न केवल गंगा एक हद तक निर्मल दिखेंगी वरन घाट, सीढि़यां, घाट से जुड़ी ऐतिहासिक इमारतें व पास के इलाके भी साफ-सुथरे नजर आएंगे।

By Edited By: Publish:Tue, 03 Jul 2012 12:50 PM (IST) Updated:Tue, 03 Jul 2012 12:50 PM (IST)
काशी में अब नहीं रहेगी गंगा मैली

वाराणसी। गंगा सेवा अभियानम् स्वच्छ गंगा, सुंदरघाट की कार्ययोजना को मूर्तरूप देने में सफल हो गया तो न केवल गंगा एक हद तक निर्मल दिखेंगी वरन घाट, सीढि़यां, घाट से जुड़ी ऐतिहासिक इमारतें व पास के इलाके भी साफ-सुथरे नजर आएंगे। स्वच्छ गंगा, सुंदरघाट योजना को मूर्तरूप देने के लिए सोमवार को श्रीविद्यामठ में गंगा सेवा अभियानम् के संयोजक स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद, आर्किटेक्ट आरसी जैन और प्रबुद्ध नागरिकों की बैठक हुई।

बैठक में कहा गया कि मैली गंगा के लिए काशीवासी दोषी सिद्ध हों स्वीकार नहीं किया जाएगा। गंगा के प्रति नगर के लोगों की अपार आस्था है। उनके घर के सीवर का पानी गंगा में न गिरे इसे लेकर वे चिंतित भी हैं। शहर के लोगों को इस दोष से मुक्त करने के लिए स्वच्छ गंगा, सुंदरघाट योजना बनाई गई है। इसे चातुर्मास पूरा होने से पहले मूर्तरूप दे देना है ताकि काशी के लोग सीना ठोक कर बोल सकें हम गंगा मैली नहीं करते।

स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने बताया कि अंशदान व श्रमदान के जरिए काशी के गंगा क्षेत्र को नजीर के रूप में प्रस्तुत किया जाएगा। घाटों की मरम्मत व सफाई की जाएगी। प्रशासन से कहा जाएगा कि गंगा में गिर रहे नालों को रोकने की व्यवस्था करे। घाट व आसपास के इलाके साफ-सुथरे दिखें इसके लिए अभियानम् की समिति के सदस्य सुबह गढ़वाघाट से आदिकेशव तक अभियान चलाएंगे। इसी के साथ अंशदान के माध्यम से न केवल जर्जर व टूटी सीढि़यों को ठीक किया जाएगा वरन घाटों पर जगह-जगह कूड़ेदान की व्यवस्था भी की जाएगी। इसके अलावा गंगा में गिर रहे उन नालों को चिह्नित किया जाएगा जिनके माध्यम से केमिकल युक्त जल गंगा में गिर रहा है। कारखाना मालिकों की दिक्कतों को दूर करने की शासन-प्रशासन से पहल कराई जाएगी।

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