जगन्नाथ स्वामी नयन पथगामी भवतु मे.

ससुराल प्रवास के बाद पुरी पुराधिपति रविवार की भोर अस्सी स्थित अपने धाम पहुंचे।

By Edited By: Publish:Tue, 26 Jun 2012 04:13 PM (IST) Updated:Tue, 26 Jun 2012 04:13 PM (IST)
जगन्नाथ स्वामी नयन पथगामी भवतु मे.

वाराणसी। ससुराल प्रवास के बाद पुरी पुराधिपति रविवार की भोर अस्सी स्थित अपने धाम पहुंचे। इसके साथ इंतजार में पलक पांवड़े बिछाए वि ल भक्तों की पात के जज्बात आंसुओं के रुप में उनके गात पर ढलक पड़े। प्रभु नयनों की राह हमारे हृदय में विराजें की कातर प्रार्थना जगन्नाथ स्वामी नयन पथगामी भवतु मे. सबके होठों पर थी। महिलाओं ने मंगल गीत गाए, श्रद्धा की चासनी में पगे पकवान भी खिलाए। इससे महज कुछ घंटे पहले ऐसा ही हाल रथयात्रा उत्सव स्थल पर था। तीन दिनी साथ के बाद प्रभु की विदाई से भक्तों का मन जार जार और नयनों से अनवरत अश्रुधार। यहां ज्येष्ठ शुक्ल प्रतिपदा तद्नुसार 21 जून से जारी दर्शन-अनुष्ठान को रात के तीसरे पहर विराम दिया गया। भक्तों ने नाथों के नाथ की शयन पूर्व की आरती उतारी। बेनीराम बाग में पंचमुखी हनुमान का भी पूजन अनुष्ठान किया। प्रभु जगन्नाथ, बहन सुभद्रा व भाई बलभद्र को डोली में सवार कराया। प्रभु पद गाया और कंधे पर उठाकर अस्सी स्थित मंदिर पहुंचाया। मंत्रोच्चार के बीच मूल सिंहासन पर विराजमान कराया। फूल-मालाओं से द्वारिकाधीश की झांकी सजाई। सुबह छह बजे मंगला आरती के बाद मंदिर के पट खोल दिए गए। सवेरे से रात तक दर्शन -पूजन को भक्तों की कतार लगी रही। इस बीच पूर्वाह्न 10.30 बजे लजीज पकवानों का भोग लगाया और प्रसाद रुप में खुद भी खाया। महंत आचार्य पं. श्रीराम शर्मा ने कहा कि अब प्रभु 347 दिनों तक अपने धाम में हर खास-आम को दर्शन देंगे।

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