निर्मल गंगा के बगैर कैसे होगा महाकुंभ

कुंभ मेले के आयोजन में आठ महीने से भी कम समय शेष है। गंगा-यमुना में जल का प्रवाह कम है और प्रदूषण की समस्या दिनोंदिन बढ़ रही है।

By Edited By: Publish:Fri, 18 May 2012 12:21 PM (IST) Updated:Fri, 18 May 2012 12:21 PM (IST)
निर्मल गंगा के बगैर कैसे होगा महाकुंभ

इलाहाबाद। कुंभ मेले के आयोजन में आठ महीने से भी कम समय शेष है। गंगा-यमुना में जल का प्रवाह कम है और प्रदूषण की समस्या दिनोंदिन बढ़ रही है। ऐसे में दोनों नदियों को अविरल बनाए बगैर कुंभ कैसे संभव है। इस अहम मुद्दे पर मंथन के लिए देशभर से संत और बुद्धिजीवी जुटेंगे। यह आयोजन एक स्वयंसेवी संस्था द्वारा 27 मई को संग्रहालय में होगा। कार्यक्त्रम का निर्देशन स्वामी चिदानंद सरस्वती एवं मैग्सेसे पुरस्कार विजेता राजेंद्र सिंह के नेतृत्व में किया जाएगा। इस सम्मेलन में वैज्ञानिक, पर्यावरणविद, न्यायविद्, अधिवक्ता सामाजिक कार्यकर्ता, विश्‌र्र्वविद्यालयों के कुलपति, चिकित्सक एवं सामाजिक संस्थाओं के प्रतिनिधि विचार-विमर्श करेंगे।

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