भागीरथी का आंचल मैला कर रहे होटल व आश्रम

उत्तरकाशी से मनेरी तक गंगा तट के निकट बने विशालकाय होटल, आश्रमों और बस्तियों के सीवर की गंदगी भगीरथी का आंचल मैला कर रही है।

By Edited By: Publish:Mon, 07 May 2012 12:11 PM (IST) Updated:Mon, 07 May 2012 12:11 PM (IST)
भागीरथी का आंचल मैला कर रहे होटल व आश्रम

उत्तरकाशी। उत्तरकाशी से मनेरी तक गंगा तट के निकट बने विशालकाय होटल, आश्रमों और बस्तियों के सीवर की गंदगी भगीरथी का आंचल मैला कर रही है। अंधाधुंध बने होटलों व आश्रामों में सीवरेज निकासी को कोई व्यवस्था नहीं है। इसे सीधे नदी में छोड़ा जा रहा है। इससे जहां भगीरथी की पवित्रता खंडित हो रही है, वहीं बीमारियां फैलने की आशंका भी बढ़ रही है।

गंगोत्री धाम से लेकर उत्तरकाशी तक गंगा भागीरथी का आंचल मैला होता जा रह है। भागीरथी नदी के किनारे ने विशाल होटल व आश्रमों से निकलने वाले सीवर व गंदगी को को सीधे नदी में छोड़ा जा रहा है। गंगोत्री धाम में अधिकांश होटल और आश्रमों की नालियों का पानी भी भगीरथी में डाला जा रहा है। इसके साथ ही मनेरी, नेताला, सैंज कुमाल्टी स्थित बने बड़े-बड़े आश्रमों की सीवर लाइनें और नालियों का पानी गंगा के अविरल प्रवाह को मैला कर रहे हैं। उत्तरकाशी नगर क्षेत्र की बात करें तो मणिकर्णिका घाट से लेकर तिलोथ तक बने आश्रम और बस्तियों का सारा सीवरेज और कूड़ा को गंगा में उड़ेला जा रह है।

गंगा के घाटों पर पसरी गंदगी से लोगों का इन पर पैदल चलना भी मुश्किल हो गया है। नगर क्षेत्र में गंगा तटों पर सफाई व्यवस्था का जिम्मा नगर पालिका और गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई पर है। इनका गंगा में सीवर लाइनें और गंदगी उड़ेल रहे लोगों को पर कोई नियंत्रण होने के कारण दिनों दिन गंगा तटों पर गंदगी बढ़ती जा रही है। ऐसे में गंगा तट पर लगे गंदगी के ढेर देख गंगा के प्रति आस्था रखने वाले हजारों श्रद्धालुओं को भारी ठेस पहुंच रही है।

उत्तरकाशी नगर क्षेत्र में अगर किसी भी आश्रम व होटल का सीवर का पानी गंगा में प्रवाहित किया जा रहा है तो वह गलत है, ऐसा करने वालों के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही की जाएगी।

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