अक्षय तृतीया पर पूजा-अर्चना का दौर

उत्तर प्रदेश में अक्षय तृतीया के मौके पर जहां करोड़ों का काराबोर होने का अनुमान है, वहीं दूसरी ओर ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक मंगलवार को रोहिणी नक्षत्र है, जो विवाह के लिए सर्वोत्तम तिथि मानी जाती है इसलिए आज के दिन शहर में सैकड़ों शादियां भी सम्पन्न होंगी।

By Edited By: Publish:Tue, 24 Apr 2012 05:20 PM (IST) Updated:Tue, 24 Apr 2012 05:20 PM (IST)
अक्षय तृतीया पर पूजा-अर्चना का दौर

लखनऊ । उत्तर प्रदेश में अक्षय तृतीया के मौके पर जहां करोड़ों का काराबोर होने का अनुमान है, वहीं दूसरी ओर ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक मंगलवार को रोहिणी नक्षत्र है, जो विवाह के लिए सर्वोत्तम तिथि मानी जाती है इसलिए आज के दिन शहर में सैकड़ों शादियां भी सम्पन्न होंगी।

अक्षय तृतीया के मौके पर अक्षय वरदान प्राप्त करने के लिए मंगलवार को मंदिरों में सुबह से ही भक्तों की भारी भीड़ देखी जा रही है। राजधानी में चौपटिया के रानीकटरा में 100 साल पुराने चारों धाम मंदिर के कपाट सुबह 10 बजे से ही भक्तों के लिए खोल दिए गए हैं। मंदिर प्रबंधन के सदस्य ने बताया कि मंदिर की पहली मंजिल पर रामेश्वरम, दूसरी मंजिल पर जगन्नाथ, तीसरे पर द्वारकाधीश और चौथी पर बद्रीनाथ की प्रतिमा स्थापित है। मंदिर परिसर में सुबह से ही धार्मिक अनुष्ठानों का आयोजन किया जा रहा है।

रानीकटरा के अलावा शहर के दूसरे बडे़ मंदिरों में भी लोगों की भीड़ देखी जा रही है और लोग सुबह से ही पूजा और महाआरती में लगे हुए हैं। अक्षय तृतीया के सम्बंध में ज्योतिषाचार्य बासुदेवा नंद ने बताया कि मंगलवार को रोहिणी नक्षत्र है जो विवाह के लिए सर्वोत्तम नक्षत्र माना जाता है। इस मौके पर राजधानी में ही करीब सैकड़ों शादियों का आयोजन किया गया है।

उन्होंने बताया कि अक्षय तृतीया के मौके पर लक्ष्मी के साथ नारायण की भी पूजा होती है। विवाह में कन्या को लक्ष्मी की प्रतिरूप और वर को नारायण का प्रतिरूप मान कर सम्मान दिया जाता है। विवाह के लिए अक्षय तृतीया बहुत अच्छा दिन माना जाता है।

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