संगम पर सजेगा राम दरबार

गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम का पावन तट। माघ का पवित्र महीना। ऐसा संयोग हैं जब सारे देवता प्रयाग के पावन संगम में डुबकी लगाने आते हैं। जनवरी में लगने जा रहे कुंभ का अवसर कुछ और भी विशिष्ट होने जा रहा है। इस दौरान संगम तट की रेती पर राम दरबार सजेगा। राजाराम, 28 राजा, प्रधानमंत्री व 12 मंत्रियों के साथ यहां दरबार लगाएंगे।

By Edited By: Publish:Wed, 26 Dec 2012 05:08 PM (IST) Updated:Wed, 26 Dec 2012 05:08 PM (IST)
संगम पर सजेगा राम दरबार

इलाहाबाद। गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम का पावन तट। माघ का पवित्र महीना। ऐसा संयोग हैं जब सारे देवता प्रयाग के पावन संगम में डुबकी लगाने आते हैं। जनवरी में लगने जा रहे कुंभ का अवसर कुछ और भी विशिष्ट होने जा रहा है। इस दौरान संगम तट की रेती पर राम दरबार सजेगा। राजाराम, 28 राजा, प्रधानमंत्री व 12 मंत्रियों के साथ यहां दरबार लगाएंगे।

इस दरबार में उनके साथ स्थानीय जनता और विश्व के करीब 50 देशों के पांच हजार से अधिक गणमान्य लोग भी उपस्थित रहेंगे। यह महर्षि महेश योगी के राजा राम हैं। फरवरी में प्रयाग में निर्मित महर्षि के समाधि स्थल के उद्घाटन के अवसर पर यह सभी करीब एक हफ्ते तक मेला क्षेत्र में निवास करेंगे।

विश्व भर में भारतीय योग, वेद-वेदांग व संस्कृति की जय जयकार कराने वाले श्री श्री रविशंकर और ऐसे ही महान संतों के मार्गदर्शक व गुरु रहे महर्षि महेश योगी ने वैदिक धर्म पर आधारित अविजित राष्ट्र की परिकल्पना व स्थापना की थी। विश्व शांति राष्ट्र (ग्लोबल वर्ल्ड पीस) के नाम से स्थापित इस धार्मिक राज्य की सत्ता महाराज राम को सौंपी गई थी। कभी पेशे से चिकित्सक रहे व बाद में वेदों में वर्णित चिकित्सा पद्धति (आयुर्वेद) पर शोध करने वाले नाडेर को महर्षि ने महाराज घोषित किया था और उनका नाम नाडेर राम रखा था।

महर्षि ने इसी के साथ पूरे विश्व को 28 राज्यों में विभक्त किया था। इसमें हर राज्य पर एक राजा तैनात किए थे। साथ ही एक प्रधानमंत्री व 12 मंत्रियों का पूरा मंत्रीमंडल बनाया था। प्रयाग कुंभ में यह पूरा जत्था शामिल होने आ रहा है। महर्षि महेश योगी द्वारा नियुक्त यह सभी सिर्फ नाम भर के राजा नहीं हैं। सोने के मुकुट और अन्य स्वर्ण आभूषणों से अलंकृत होकर यह वाकई वैदिक काल के राजाओं की तरह रहते हैं।

महर्षि महेश योगी द्वारा स्थापित संस्था भावातीत ध्यान संघ (ट्रान्समेडिटेशनल आर्गनाइजेशन) के मुखिया गिरीश ने बताया कि यह सभी महाकुंभ के साथ महर्षि के समाधि स्थल के उद्घाटन में भी शामिल होंगे। बसंत पंचमी के मौके पर यह उद्घाटन कार्यक्त्रम आयोजित होगा।

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