अमरनाथ यात्रा में दिल का रखें ख्याल

श्री बाबा अमरनाथ यात्रा होने के कारण वहां पर हर साल हृदयाघात के कारण कई श्रद्धालुओं की मौत हो जाती हैं। ऐसे में अगर आप दो जुलाई से शुरू हो रही यात्रा में जा रहे हैं तो अपने स्वास्थ्य को पूरा ख्याल रखें। अस्थमा, मधुमेह, ब्लड प्रेशर, हृदय रोग से

By Preeti jhaEdited By: Publish:Mon, 29 Jun 2015 12:50 PM (IST) Updated:Mon, 29 Jun 2015 02:33 PM (IST)
अमरनाथ यात्रा में दिल का रखें ख्याल

जम्मू। श्री बाबा अमरनाथ यात्रा होने के कारण वहां पर हर साल हृदयाघात के कारण कई श्रद्धालुओं की मौत हो जाती हैं। ऐसे में अगर आप दो जुलाई से शुरू हो रही यात्रा में जा रहे हैं तो अपने स्वास्थ्य को पूरा ख्याल रखें। अस्थमा, मधुमेह, ब्लड प्रेशर, हृदय रोग से पीड़ित व्यक्तियों ने अगर स्वास्थ्य प्रमाणपत्र बना भी लिया है तो भी लापरवाही न बरतें। यात्रा के समय पूरी सावधानी बरतें।

श्री बाबा अमरनाथ के दोनों मार्ग बालटाल और पहलगाम से पैदल जाने वालों को कई जगह चलने में परेशानी आती है। दोनों ही मार्ग पर जगह-जगह पड़ी बर्फ, तापमान में निरंतर आने वाली कमी और चढ़ाई किसी भी यात्री का स्वास्थ्य बिगाड़ सकती है। यात्री श्री बाबा अमरनाथ श्राइन बोर्ड द्वारा जारी की गई हेल्थ एडवाइजरी का भी अनुसरण नहीं करते। नतीजतन इतने तामझाम के बावजूद यात्रा मार्ग पर हृदयघात के मामले दर्ज होते रहते हैं।

राजकीय मेडिकल कॉलेज जम्मू में कार्डियोलोजी विभाग के एचओडी डॉ. सुशील शर्मा का कहना है कि यात्रा मेंतापमान में अचानक कमी आती रहती है। कई बार अचानक बारिश और बर्फ पड़ना शुरू हो जाती है। मौसम बदलता रहता है।

जितनी ठंड होगी, दिल को उतनी हीपंपिंग की जरूरत भी पड़ती है। लेकिन नाड़ियों के सिकुड़ जाने के कारण ऐसा हो नहीं पाता। इतनी ऊंचाई पर ऑक्सीजन की भी कमी रहती है। ऐसे में हृदय आघात की आशंका सबसे अधिक रहती है। हृदय रोगी अगर यात्रा करें तो उनके लिए काफी मुश्किल है। वह यात्रा से परहेज ही करें तो बेहतर होगा।

वहीं, राजकीय मेडिकल कॉलेज में ही डॉ. संजीव गुप्ता का कहना है कि लोगों को पहाड़ी मार्ग पर चलने की आदत नहीं होती। आज के समय में लोग पैदल भी नहीं चलते। उच्च पर्वतीय क्षेत्रों में ऑक्सीजन की कमी के कारण उनके बीमार होने की आशंका अधिक रहती है। ऐसे में यह जरूरी है कि यात्रा में जाने के इच्छुक लोग पहले थोड़ा पैदल चलने की भी आदत डालें और यात्रा एक साथ करने के स्थान पर रुक-रुक कर करें। इससे भी आसानी रहेगी।

लाइफ सेविंग किट रखें साथ

चेस्ट डिजिजेस विशेषज्ञ डॉ. संजीव नारंग के अनुसार, श्री बाबा अमरनाथ के दर्शनों के लिए जाने वाले अगर अपने पास लाइफ सेविंग किट (एटोरवास्टैटीन-80एमजी, क्लोपियोडाजरल-300एमजी और एसप्रिन-325) रखें तो सीने में दर्द होने पर इन तीनों ही दवा की डोज ले सकते हैं। अगर यह हृदय घात हैं तो इससे उन्हें अस्पताल समय पर पहुंचाने में मदद मिल सकती है और मरीज की जान बच सकती है।

यात्री रखें ध्यान हृदय रोगी, अस्थमा, मधुमेह के रोगी यात्रा करने से करें परहेज। अगर यात्रा करें तो भी यात्रा के दौरान भी नियमित रूप से दवा लें।यात्रा में गर्म कपड़े जरूर साथ रखें, ठंड में हृदय घात की आशंका अधिक रहती है।यात्रा एक साथ करने के स्थान पर रुक-रुक कर व विश्राम कर करें।

chat bot
आपका साथी