Sheetala Ashtami 2023: शुभ योग के साथ शीतला अष्टमी व्रत आज, जानिए बसौड़ा पूजन का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

Sheetala Ashtami 2023 शीतला अष्टमी के दिन मां शीतला की विधि-विधान से पूजा करने के साथ व्रत रखने का विधान है। इस दिन माता शीतला को बासी मीठे चावलों का भोग लगाया जाता है। जानिए इस साल कब है शीतला अष्टमी साथ ही जानिए शउभ मुहूर्त और पूजा विधि।

By Shivani SinghEdited By: Publish:Fri, 10 Mar 2023 03:35 PM (IST) Updated:Wed, 15 Mar 2023 02:36 PM (IST)
Sheetala Ashtami 2023: शुभ योग के साथ शीतला अष्टमी व्रत आज, जानिए बसौड़ा पूजन का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
Sheetala Ashtami 2023: कब है शीतला अष्टमी व्रत? जानिए बसौड़ा पूजन का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

नई दिल्ली, Sheetala Ashtami 2023: हिंदू धर्म में शीतला अष्टमी व्रत का विशेष महत्व है। ये व्रत सप्तमी तिथि के साथ शुरू हो जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को शीतला अष्टमी मनाई जाती है। इसे बसौड़ा अष्टमी के नाम से भी जाना जाता है। शास्त्रों के अनुसार, होली के आठवें दिन शीतला अष्टमी का व्रत रखा जाताहै। इस दिन मां शीतला की विधिवत पूजा करने के साथ व्रत रखने का विधान है। माना जाता है कि ऐसा करने से रोग-दोष से छुटकारा मिलने के साथ लंबी आयु का वरदान मिलता है। जानिए शीतला अष्टमी की तिथि, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि।

Sheetala Ashtami 2023 Bhog: जानिए शीतला अष्टमी पर क्यों लगाते है मां को बासी भोजन का भोग? जानें पौराणिक कथा

मां शीतला का स्वरूप

शास्त्रों के अनुसार, मां शीतला के स्वरुप को कल्याणकारी माना जाता है। माता गर्दभ में विराजमान होती है। जिसके हाथों में झाड़ू, कलश, सूप और नीम की पत्तियां होती है।

शीतला अष्टमी 2023 तिथि और शुभ मुहूर्त (Sheetala Ashtami 2023 Date And Shubh Muhurat)

चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि आरंभ- 15 मार्च को सुबह 12 बजकर 09 मिनट से

चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि समाप्त- 16 मार्च को रात 10 बजकर 04 मिनट पर

शीतला अष्टमी पूजन का उत्तम मुहूर्त- सुबह 06 बजकर 20 मिनट से शाम 06 बजकर 35 मिनट तक

Sheetala Ashtami 2023: शीतला अष्टमी पर जरूर करें ये दो काम, दुख-दर्द और रोग से मिलेगा छुटकारा

मां शीतला को लगाएं बासी भोजन का भोग (Sheetala Ashtami 2023 Bhog)

शास्त्रों के अनुसार, शीतला अष्टमी के साथ मां शीतला को बासी भोजन का भोग लगाने का विधान है। यह भोजन सप्तमी तिथि की शाम को बनाया जाता है। यह भोग चावल-गड़ या फिर चावल और गन्ने के रस से मिलकर बनता है। इसके साथ ही मीठी रोटी का भोग बनता है।

शीतला अष्टमी 2023 पूजा विधि (Sheetala Ashtami 2023 Puja Vidhi)

शीतला अष्टमी के एक दिन पहले यानी चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि को स्नान आदि करने के बाद किचन को साफ कर लें। जिससे कि मां शीतला के लिए भोग शुद्धता के साथ बना सके। इसके बाद प्रेम, श्रद्धा के साथ मीठी रोटी और मीठे चावल बना लें।

अष्टमी के दिन सूर्योदय में उठकर सभी कामों से निवृत्त होकर स्नान कर लें। इसके बाद साथ-सूथरे वस्त्र धारण कर लें। अब मां शीतला का ध्यान करके हुए व्रत का संकल्प लें। संकल्प लेने के लिए मां शीतला के सामने बैठकर हाथों में फूल, अक्षत और एक सिक्का लेकर इस मंभ को बोलते हुए संकल्प लें। मंत्र- -श्मम गेहे शीतलारोगजनितोपद्रव प्रशमन पूर्वकायुरारोग्यैश्वर्याभिवृद्धिये शीतलाष्टमी व्रतं करिष्येश्'।

अब सभी चीजों मां को समर्पित कर दें। इसके बाद मां शीतला को फूल, माला, सिंदूर, सोलह श्रृंगार आदि अर्पित करने के साथ बासी भोजन का भोग लगाएं। इसके बाद जल अर्पित करें। फिर घी का दीपक और धूप जलाकर शीतला स्त्रोत का पाठ करें। विधिवत पूजा करने के बाद आरती कर लें और अंत में भूल चूक के लिए माफी मांग लें। रात को दीपमालाएं और जगराता करें। इसके साथ ही बासी भोजन को प्रसाद के रूप ग्रहण कर लें।

डिसक्लेमर- इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।

chat bot
आपका साथी