Ram Navami 2023: राम नवमी कब? जानिए तिथि, शुभ मुहूर्त और अद्भुत योग

Ram Navami 2023 हिंदू धर्म में राम नवमी का पर्व बहुत ही धूमधाम से मनाते हैं। अयोध्या में भव्य तरीके से राम जन्मोत्सव मनाया जाता है। इस साल राम नवमी पर काफी खास योग बन रहे हैं। जानिए राम नवमी की तिथि शुभ मुहूर्त और योग।

By Shivani SinghEdited By: Publish:Fri, 24 Feb 2023 08:49 AM (IST) Updated:Fri, 24 Feb 2023 09:05 AM (IST)
Ram Navami 2023: राम नवमी कब? जानिए तिथि, शुभ मुहूर्त और अद्भुत योग
Ram Navami 2023: राम नवमी कब? जानिए तिथि, शुभ मुहूर्त और शुभ योग

नई दिल्ली, Ram Navami 2023: हिंदू पंचांग के अनुसार, चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को राम नवमी का पर्व मनाया जाता है। इस दिन ही चैत्र नवरात्रि की नवमी तिथि पड़ती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, राम नवमी के दिन भगवान श्री राम का जन्म हुआ था। इसी के कारण इसे राम जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। इस साल राम नवमी काफी खास है। जानिए राम नवमी की तिथि, शुभ मुहूर्त और खास योग।

Chaitra Navratri 2023: कब से शुरू हो रही है चैत्र नवरात्रि? जानिए घटस्थापना मुहूर्त और तिथियां

राम नवमी 2023 तिथि और शुभ मुहूर्त

चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि आरंभ- 29 मार्च, बुधवार को रात 09 बजकर 07 मिनट से शुरू

चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि समाप्त- 30 मार्च, गुरुवार को रात 11 बजकर 30 मिनट तक

तिथि- उदया तिथि के आधार पर राम नवमी 30 मार्च गुरुवार को मनाई जाएगी।

राम नवमी 2023 जन्मोत्सव का शुभ मुहूर्त

श्री राम के जन्मोत्सव का शुभ मुहूर्त सुबह 11 बजकर 11 मिनट से दोपहर 01 बजकर 40 मिनट तक है।

राम नवमी 2023 पर बन रहे है खास योग

गुरु पुष्य योग- रात 10 बजकर 59 मिनट से 31 मार्च को सुबह 06 बजकर 13 मिनट तक

सर्वार्थ सिद्धि योग- 30 मार्च को सुबह 6 बजकर 6 मिनट से रात 10 बजकर 59 मिनट तक

अमृत सिद्धि योग- रात 10 बजकर 59 मिनट से 31 मार्च को सुबह 6 बजकर 13 मिनट तक

रवि योग- 30 मार्च को सुबह 6 बजकर 14 मिनट से 31 मार्च को सुबह 6 बजकर 13 मिनट तक

इस खास योग में हुआ था श्री राम का जन्म

अगस्त्य संहिता के अनुसार, राजा दशरथ और माता कौशल्या के पुत्र भगवान श्री राम का जिस वक्त जन्म हुआ था। उस समय चैत्र मास की दोपहर थी। इसके साथ ही पुनर्वसु नक्षत्र, कर्क लग्न और मेष राशि थी। इसके साथ ही भगवान राम के जन्म के समय सूर्य और अन्य पांच ग्रहों की शुभ दृष्टि भी थी।

डिसक्लेमर- इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।

chat bot
आपका साथी