Pradosh September 2021: आज है भाद्रपद माह का पहला प्रदोष व्रत, जानें पूजा मुहूर्त एवं संतान प्राप्ति के लिए क्यों है महत्वपूर्ण

Pradosh September 2021 हर माह की त्रयोदशी तिथि को भगवान शिव की आराधना के लिए प्रदोष व्रत रखा जाता है। इस समय भाद्रपद माह का कृष्ण पक्ष चल रहा है। इस माह का पहला प्रदोष व्रत शनिवार को पड़ रहा है इ​सलिए यह शनि प्रदोष व्रत है।

By Kartikey TiwariEdited By: Publish:Thu, 02 Sep 2021 10:30 AM (IST) Updated:Sat, 04 Sep 2021 07:41 AM (IST)
Pradosh September 2021: आज है भाद्रपद माह का पहला प्रदोष व्रत, जानें पूजा मुहूर्त एवं संतान प्राप्ति के लिए क्यों है महत्वपूर्ण
Pradosh September 2021: कब है भाद्रपद माह का पहला प्रदोष व्रत? जानें पूजा मुहूर्त एवं महत्व

Pradosh September 2021: हिन्दू कैलेंडर के अनुसार हर माह की त्रयोदशी तिथि को भगवान शिव की आराधना के लिए प्रदोष व्रत रखा जाता है। इस समय भाद्रपद माह का कृष्ण पक्ष चल रहा है। इस माह का पहला प्रदोष व्रत शनिवार को पड़ रहा है, इ​सलिए यह शनि प्रदोष व्रत है। शनि प्रदोष व्रत वंश वृद्धि के लिए श्रेष्ठ होता है। इस दिन प्रदोष काल में भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा विधिपूर्वक करते हैं। शिव और शक्ति की कृपा से सभी मनोरथ पूरे होते हैं। आइए जानते हैं भाद्रपद माह के पहले प्रदोष व्रत, तिथि, पूजा मुहूर्त एवं महत्व के बारे में।

भाद्रपद 2021 प्रदोष व्रत

हिन्दी पंचांग के अनुसार, भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि का प्रारंभ 04 सितंबर को प्रात: 08 बजकर 24 मिनट से हो रहा है। इसका समापन अगले दिन 05 सितंबर को सुबह 08 बजकर 21 मिनट पर होगा। इसमें प्रदोष पूजा का मुहूर्त 04 सितंबर दिन शनिवार को प्राप्त हो रहा है, इसलिए शनि प्रदोष व्रत 04 सितंबर को रखा जाएगा।

शनि प्रदोष 2021 पूजा मुहूर्त

04 सितंबर को शनि प्रदोष व्रत के दिन पूजा के लिए शाम को 02 घंटे 16 मिनट का समय मिलेगा। शनि प्रदोष का व्रत रखते हुए आपको शाम के समय में 06 बजकर 39 मिनट से रात 08 बजकर 56 मिनट के बीच भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा कर लेनी चाहिए।

संतान प्राप्ति के लिए शनि प्रदोष व्रत

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जो लोग नि:संतान हैं या फिर जो वंश वृद्धि के लिए पुत्र की चाह रखते हैं, उनको शनि प्रदोष व्रत रखना चाहिए। शनि प्रदोष व्रत के पुण्य तथा शिव-शक्ति की कृपा से उस दंपत्ति को संतान की प्राप्ति होती है।

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