Pradosh Vrat Puja Vidhi: आज प्रदोष व्रत पर इस तरह करें शिवजी की पूजा, कष्ट होते हैं दूर

Pradosh Vrat Puja Vidhi आज चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि है। आज के दिन प्रदोष व्रत किया जाता है। मान्यता है कि यह व्रत सबसे पहले चंद्रदेव ने रखा था। इस व्रत के पुण्य प्रभाव से चंद्रमा को क्षय रोग से मुक्ति मिल गई थी।

By Shilpa SrivastavaEdited By: Publish:Fri, 23 Apr 2021 09:30 AM (IST) Updated:Sat, 24 Apr 2021 09:20 AM (IST)
Pradosh Vrat Puja Vidhi: आज प्रदोष व्रत पर इस तरह करें शिवजी की पूजा, कष्ट होते हैं दूर
Pradosh Vrat Puja Vidhi: प्रदोष व्रत पर इस तरह करें शिवजी की पूजा, कष्ट होते हैं दूर

Pradosh Vrat Puja Vidhi: आज चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि है। आज के दिन प्रदोष व्रत किया जाता है। मान्यता है कि यह व्रत सबसे पहले चंद्रदेव ने रखा था। इस व्रत के पुण्य प्रभाव से चंद्रमा को क्षय रोग से मुक्ति मिल गई थी। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा-अर्चना की जाती है। कहा जाता है कि इस दिन व्रत करने से व्यक्ति के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। इस व्रत का प्रभाव काफी खास माना गया इस बार त्रयोदशी पर ध्रुव योग बन रहा है। ऐसे में इस व्रत का महत्व और भी ज्यादा बढ़ जाता है। आइए जानते हैं प्रदोष व्रत की पूजा विधि।

इस तरह करें प्रदोष व्रत की पूजा:

इस दिन सुबह जल्दी उठ जाना चाहिए। फिर स्नान के बाद व्रत का संकल्प लेना चाहिए। इसके बाद पूजा स्थल पर आसन बिछाएं और बैठ जाएं। फिर भगवान शिव और माता पार्वती की मूर्ति या प्रतिमा को एक चौकी पर स्थापित करें। फिर उन्हें चंदन, पुष्प, अक्षत, धूप, दक्षिणा और नैवेद्य अर्पित करें। महिलाओं को मां पार्वती को लाल चुनरी और सुहाग का सामान अर्पित करना चाहिए। ऐसा करना बेहद ही शुभ माना जाता है।

ध्यान रहे कि पूजा की थाली में अबीर, गुलाल, चंदन, अक्षत, फूल, धतूरा, बिल्वपत्र, जनेऊ, कलावा, दीपक, कपूर, अगरबत्ती और फल होना चाहिए। ये सभी विष्णु जी को बेहद ही प्रिय होते हैं। फिर माता पार्वती और भगवान शिव की आरती करें। शिव चालीसा और मंत्रों का भी पाठ करें।

डिसक्लेमर

'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी। '  

chat bot
आपका साथी