Kartik Purnima 2019: कार्तिक पूर्णिमा को मनाते हैं गुरु पर्व, हिन्दुओं में स्नान-दान का है विशेष महत्व

Kartik Purnima 2019 कार्तिक पूर्णिमा का दिन हिन्दुओं और सिखों के लिए महत्वपूर्ण है। सिखों के पहले गुरु नानक देव जी का जन्म कार्तिक पूर्णिमा को हुआ था।

By Kartikey TiwariEdited By: Publish:Mon, 11 Nov 2019 11:49 AM (IST) Updated:Tue, 12 Nov 2019 09:00 AM (IST)
Kartik Purnima 2019: कार्तिक पूर्णिमा को मनाते हैं गुरु पर्व, हिन्दुओं में स्नान-दान का है विशेष महत्व
Kartik Purnima 2019: कार्तिक पूर्णिमा को मनाते हैं गुरु पर्व, हिन्दुओं में स्नान-दान का है विशेष महत्व

Kartik Purnima 2019: कार्तिक पूर्णिमा का दिन हिन्दुओं और सिखों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। सिखों के पहले गुरु और सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव जी का जन्म कार्तिक पूर्णिमा के दिन हुआ था। इस दिन सिख समुदाय के लोग प्रकाश पर्व मनाते हैं, गुरुद्वारों को विशेष रोशनी से सजाते हैं, भजन-कीर्तन के साथ लंगर का आयोजन किया जाता है। गुरु नानक जयंती के अवसर पर गुरुद्वारों में मथा टेका जाता है और आशीर्वाद प्राप्त किया जाता है। घरों को भी रोशनी से सजाया जाता है।

कार्तिक पूर्णिमा मुहूर्त

इस वर्ष कार्तिक पूर्णिमा 12 नवंबर दिन मंगलवार को है। पूर्णिमा तिथि का प्रारंभ 11 नवंबर दिन सोमवार को शाम 06 बजकर 02 मिनट से हो रहा है, जो 12 नवंबर दिन मंगलवार को शाम 07 बजकर 04 मिनट तक है।

कार्तिक पूर्णिमा को स्नान-दान का महत्व

कार्तिक पूर्णिमा का हिन्दुओं में भी बड़ा महत्व है। इस दिन नदियों में स्नान करने, पूजा-पाठ के बाद दान करने का विधान है। इस दिन स्नान, दान, होम, यज्ञ और उपासना आदि का अनन्त फल मिलता है। इसी दिन सायंकाल के समय मत्स्यावतार हुआ था। इस कारण इसमें दिए हुए दानादि का 10 यज्ञों के समान फल मिलता है।

कार्तिक पूर्णिमा को देव दीपावली

कार्तिक पूर्णिमा के दिन काशी में देव दीपावली मनाई जाती है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन सभी देवी देवता काशी में उपस्थित होकर दीपावली मनाते हैं। इस कारण से काशी के सभी घाट और मंदिर दीपकों के प्रकाश से जगमग होते हैं। इस दिन गंगा मैया और भगवान शिव की पूजा का भी विधान है। स्नान आदि के बाद गंगा पूजा कर दीप दान किया जाता है।

पौराणिक कथाओं के अनुसार, कार्तिक पूर्णिमा को भगवान शिव ने त्रिपुरासुर राक्षस का वध किया था, इस वजह से देवी-देवताओं, ऋषि-मुनियों और मनुष्यों को उनके अत्याचार से मुक्ति मिली थी। इससे खुश होकर सभी देवी देवता उस दिन काशी आए थे और त्रिपुरासुर वध की खुशी में दीपावली मनाई थी। तब से ही काशी में हर वर्ष देव दीपावली मनाई जाती है।

कार्तिक पूर्णिमा को ग्रह शांति के लिए दान

कार्तिक पूर्णिमा के दिन दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है। यदि आप इस दिन ग्रहों को शांत करना चाहते हैं तो आपको इस प्रकार दान करना चाहिए। सूर्य के लिए गुड़ और गेंहू, चंद्रमा के लिए जल, मिसरी या दूध, मंगल के लिए मसूर की दाल, बुध के लिए हरी सब्जियां और आंवला, बृहस्पति के लिए केला, मक्का और चने की दाल, शुक्र के लिए घी, मक्खन और सफेद तिल, शनि के लिए काले तिल और सरसों का तेल तथा राहु के लिए सात तरह के अनाज, काले कम्बल और जूते चप्पल का दान करना चाहिए।

chat bot
आपका साथी