Hariyali Amavasya 2021: हरियाली अमावस्या पर करें ये कार्य, मिलेगा पितरों का आशीर्वाद
Hariyali Amavasya 2021 सावन मास के कृष्ण पक्ष की अंतिम तिथि को श्रावणी आमावस्या या हरियाली अमावस्या कहा जाता है। आइए जानते हैं हरियाली अमवस्या के दिन किए जाने वाले कुछ विशेष कार्य जिनको करने से पितर प्रसन्न होते हैं और आशीर्वाद देते हैं।
Hariyali Amavasya 2021: सावन मास के कृष्ण पक्ष की अंतिम तिथि को श्रावणी आमावस्या या हरियाली अमावस्या कहा जाता है। सावन के महीने में वर्षा ऋतु के आगमन के कारण धरती पर हर ओर हरियाली छायी रहती है इस कारण ही इसे हरियाली अमावस्या कहा जाता है। इस साल हरियाली अमावस्या 08 अगस्त दिन रविवार को पड़ रही है। इस दिन पितरों की आत्मा की तृप्ति के लिए व्रत रखने और तर्पण करने का विधान है। आइए जानते हैं हरियाली अमवस्या के दिन किए जाने वाले कुछ विशेष कार्य जिनको करने से पितर प्रसन्न होते हैं और आशीर्वाद देते हैं।
1- हरियाली अमावस्या पर पितरों की तर्पण का विधान है। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करके तर्पण करना चाहिए।
2-पितरों की आत्मा की तृप्ति के लिए इस दिन पितृसूक्त पाठ, गीता, गरुड़ पुराण या गजेंद्र मोक्ष पाठ किया जाता है।
3-हरियाली अमावस्या पर किए गए दान का विशेष महत्व होता है। इस दिन किसी गरीब, भूखे व्यक्ति को भोजन करवाना चाहिए।
4-हरियाली अमावस्या के दिन सायं काल में पीपल के पेड़ की परिक्रमा कर, पेड़ के पास सरसों के तेल का दिया जलाना चाहिए। ऐसा करने से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है।
5-हरियाली अमावस्या पर आटे का दिया जलाकर नदी में प्रवाहित किया जाता है। ऐसा करने से पितृदेव और मां लक्ष्मी प्रसन्न होती है।
6- हरियाली अमावस्या के दिन पेड़ लगाने का विशेष महत्व होता है। इस दिन पीपल, बरगद, बेल,नींबू या तुलसी का पेड़ लगाना चाहिए।
7-हरियाली अमावस्या के दिन शंकर जी को मदार, धतूरा, बेल पत्र चढ़ाये और गंगा जल से जलाभिषेक किया जाता है।
8-सावन की अमावस्या के दिन आटे में चीनी मिलाकर, चींटियों को खिलाने से कष्ट और संकट दूर होते हैं।
9-हरियाली अमावस्या पर भगवान विष्णु का व्रत रखने का विधान है। इस दिन विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करने से सभी प्रकार के रोग और दोषों से मुक्ति मिलती है।
10-हरियाली अमावस्या के दिन मांस, मदिरा आदि तामसिक चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से पितरों की आत्मा को दुख पहुंचता है।
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