Bada Mangal 2022: बड़ा मंगल को करें हनुमान अष्टक का पाठ, बजरंगबली हर लेंगे हर संकट

Bada Mangal 2022 भगवान हनुमान की पूजा मंगलवार को करने का विशेष महत्व है। इस दिन बड़ा मंगल भी पड़ रहा है। ऐसे में इसका महत्व और अधिक बढ़ गया। मान्यता है कि हनुमान अष्टक का पाठ करने से सभी संकटों से निजात मिल जाती है।

By Shivani SinghEdited By: Publish:Tue, 17 May 2022 08:00 AM (IST) Updated:Tue, 17 May 2022 08:42 AM (IST)
Bada Mangal 2022: बड़ा मंगल को करें हनुमान अष्टक का पाठ, बजरंगबली हर लेंगे हर संकट
Bada Mangal 2022: हर मंगलवार को हनुमान अष्टक का करें पाठ

नई दिल्ली, Bada Mangal 2022:  हिंदू धर्म में सप्ताह का हर एक दिन किसी न किसी देवी-देवता को समर्पित है। इसी तरह मंगलवार का दिन श्री राम के परम भक्त भगवान हनुमान को समर्पित है। भगवान हनुमान की विधि-विधान से पूजा करने के साथ-साथ चालीसा और हनुमान अष्टक का पाठ करने से हर संकट से छुटकारा मिल जाता है। इसके अलावा ज्येष्ठ मास में पड़ने वाले हर मंगलवार को बड़े मंगल या बुढ़वा मंगल के नाम से जाना जाता है। माना जाता है कि इसी दिन हनुमान जी अपने प्रभु श्री राम से मिले थे। माना जाता है कि हर बड़े मंगल को भगवान हनुमान की पूजा करने से प्रेत बाधा, दुखों और कष्टों का निवारण हो जाता है। नियमित रूप से हनुमान अष्टक का पाठ करने से मानसिक, शारीरिक और आर्थिक समस्याओं से छुटकारा मिल जाता है। आइए जानते हैं संकटमोचन हनुमान अष्टक के बारे में।

हनुमान अष्टक

बाल समय रवि भक्षी लियो तब, तीनहुं लोक भयो अंधियारों।

ताहि सों त्रास भयो जग को,यह संकट काहु सों जात न टारो ।

देवन आनि करी बिनती तब,छाड़ी दियो रवि कष्ट निवारो ।

को नहीं जानत है जग में कपि,संकटमोचन नाम तिहारो ॥ १ ॥

बालि की त्रास कपीस बसैं गिरि,जात महाप्रभु पंथ निहारो ।

चौंकि महामुनि साप दियो तब,चाहिए कौन बिचार बिचारो ।

कै द्विज रूप लिवाय महाप्रभु,सो तुम दास के सोक निवारो।

अंगद के संग लेन गए सिय,खोज कपीस यह बैन उचारो ।

जीवत ना बचिहौ हम सो जु, बिना सुधि लाये इहाँ पगु धारो ।

हेरी थके तट सिन्धु सबे तब,लाए सिया-सुधि प्राण उबारो।

रावण त्रास दई सिय को सब,राक्षसी सों कही सोक निवारो ।

ताहि समय हनुमान महाप्रभु,जाए महा रजनीचर मरो ।

चाहत सीय असोक सों आगि सु,दै प्रभुमुद्रिका सोक निवारो।

बान लाग्यो उर लछिमन के तब,प्राण तजे सूत रावन मारो ।

लै गृह बैद्य सुषेन समेत,तबै गिरि द्रोण सु बीर उपारो ।

आनि सजीवन हाथ दिए तब,लछिमन के तुम प्रान उबारो।

रावन जुध अजान कियो तब, नाग कि फाँस सबै सिर डारो ।

श्रीरघुनाथ समेत सबै दल,मोह भयो यह संकट भारो।

आनि खगेस तबै हनुमान जु, बंधन काटि सुत्रास निवारो।

बंधू समेत जबै अहिरावन,लै रघुनाथ पताल सिधारो ।

देबिन्हीं पूजि भलि विधि सों बलि,देउ सबै मिलि मन्त्र विचारो ।

जाये सहाए भयो तब ही,अहिरावन सैन्य समेत संहारो।

काज किये बड़ देवन के तुम, बीर महाप्रभु देखि बिचारो ।

कौन सो संकट मोर गरीब को,जो तुमसों नहिं जात है टारो ।

बेगि हरो हनुमान महाप्रभु,जो कछु संकट होय हमारो।

॥ दोहा ॥

लाल देह लाली लसे,अरु धरि लाल लंगूर ।

बज्र देह दानव दलन,जय जय जय कपि सूर ॥

Pic Credit- Instagram/jyotishvyas4u

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