Bhaumvati Amavasya 2019: पितृ ऋण से मुक्ति का दिन है भौमवती आमवस्या, तर्पण-पिंड दान का है महत्व

Bhaumvati Amavasya 2019भौमवती अमावस्या के दिन पितरों की पूजा-अर्चना का विशेष लाभ मिलता है। इस दिन पितरों की पूजा करने से वे प्रसन्न होते हैं।

By kartikey.tiwariEdited By: Publish:Mon, 01 Jul 2019 05:10 PM (IST) Updated:Tue, 02 Jul 2019 10:47 AM (IST)
Bhaumvati Amavasya 2019: पितृ ऋण से मुक्ति का दिन है भौमवती आमवस्या, तर्पण-पिंड दान का है महत्व
Bhaumvati Amavasya 2019: पितृ ऋण से मुक्ति का दिन है भौमवती आमवस्या, तर्पण-पिंड दान का है महत्व

Bhaumvati Amavasya 2019: हिन्दू कैलेंडर में प्रत्येक मास में एक बार अमावस्या आती है। दिन विशेष को पड़ने वाली अमावस्या का महत्व बढ़ जाता है, जैसे सोमवार को होने पर सोमवती अमावस्या, शनिवार को होने पर शनिश्चरी अमावस्या कहा जाता है। ऐसे ही मंगलवार को पड़ने वाली अमावस्या को भौमवती अमावस्या या भौम अमावस्या कहते हैं। इस दिन पितरों की पूजा की जाती है, ताकि उनको शांति मिल सके।

भौमवती अमावस्या या मंगलवारी अमावस्या के दिन पितरों की पूजा-अर्चना का विशेष लाभ मिलता है। इस दिन पितरों की पूजा करने से वे प्रसन्न होते हैं और व्यक्ति पितृ ऋण से मुक्त हो जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन पितरों को पिंड दान और तर्पण करने का भी विधान है। इस दिन स्नान, दान आदि का भी महत्व है।

इस दिन कुरुक्षेत्र के पास ब्रह्मा सरोवर है, जहां पर डुबकी लगाने से पुण्य की प्राप्ति होती है। इस दिन लोग हरिद्वार, इलाहाबाद जैसे पवित्र स्थलों पर गंगा में डुबकी लगाते हैं और सहस्त्र गायों के दान के बराबर पुण्य प्राप्त करते हैं।

यह अमावस्या मंगलवार के दिन है, इसलिए आपको पवनपुत्र हनुमान जी की भी पूजा अर्चना करनी चाहिए। इस दिन व्रत और उपवास करने से व्यक्ति को सुख-संपन्नता प्राप्ति का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

भौमवती अमावस्या के दिन आप मंगल ग्रह की शांति के लिए मंगल देवता की भी पूजा-अर्चना कर सकते हैं।

chat bot
आपका साथी