चारधाम यात्रा का प्रथम पड़ाव है यमुनोत्री धाम
चारधाम यात्रा का प्रथम पड़ाव है यमुनोत्री धाम। यहां सूर्यपुत्री एवं शनि व यम की बहन देवी यमुना की आराधना होती है। समुद्रतल से 3165 मीटर ऊंचाई पर अवस्थित यमुनोत्री धाम से एक किमी दूर चंपासर ग्लेशियर है, जो यमुना जी का मूल उद्गम है। समुद्रतल से इस ग्लेशियर की ऊंचाई
चारधाम यात्रा का प्रथम पड़ाव है यमुनोत्री धाम। यहां सूर्यपुत्री एवं शनि व यम की बहन देवी यमुना की आराधना होती है। समुद्रतल से 3165 मीटर ऊंचाई पर अवस्थित यमुनोत्री धाम से एक किमी दूर चंपासर ग्लेशियर है, जो यमुना जी का मूल उद्गम है।
समुद्रतल से इस ग्लेशियर की ऊंचाई 4421 मीटर है। धर्मग्रंथों में उल्लेख है कि यह पवित्र स्थान एक साधु असित मुनि का निवास स्थल था। उन्होंने यहां देवी यमुना की आराधना की, जिससे प्रसन्न हो यमुना जी ने उन्हें दर्शन दिए।