Coronavirus Lockdown Effect: लॉकडाउन में युवाओं ने जानवरों के लिए पहाड़ पर खोदी तलाई

लाॅकडाउन का बेहतरीन उपयोग युवकों ने जयपुर के जमवारामगढ़ वन्य जीव क्षेत्र में वन्यजीवों के लिए पहाड़ी पर तलाई तैयार कर दी।

By Preeti jhaEdited By: Publish:Mon, 25 May 2020 12:18 PM (IST) Updated:Mon, 25 May 2020 12:20 PM (IST)
Coronavirus Lockdown Effect: लॉकडाउन में युवाओं ने जानवरों के लिए पहाड़ पर खोदी तलाई
Coronavirus Lockdown Effect: लॉकडाउन में युवाओं ने जानवरों के लिए पहाड़ पर खोदी तलाई

जयपुर, मनीष गोधा। कोरोना संक्रमण के दौरान शहरों से गांव पहुंचे युवकों ने लाॅकडाउन के समय का बेहतरीन उपयोग किया और जयपुर के नजदीक जमवारामगढ़ वन्य जीव क्षेत्र में वन्यजीवों के लिए पहाड़ी पर तलाई तैयार कर दी। बारिश के दौरान इस तलाई में इतना पानी इकट्ठा हो जाएगा कि वन्यजीवों को लम्बे समय तक परेशान नहीं होना पड़ेगा। इतना ही नहीं इन्होंने अपने इस तलाई के आसपास जंगल में हो रही पेड़ों की अवैध कटाई को भी रुकवाया।

जयपुर के पास जमवारामगढ़ तहसील वन्य जीव अभयारण्य क्षेत्र है। यहां जयपुर की प्रसिद्ध रामगढ़ झील भी है जो अब पूरी तरह सूख चुकी है। इस क्षेत्र में कई वन्यजीव है जो पानी की तलाश में भटकते हुए आसपास के गांवों तक पहुंच जाते है और इससे गांव वालों में दहशत बनी रहती है।

इसी इलाके पाली गांव के दो युवक हंसराज गुर्जर और अमन गुर्जर काफी समय से यहां बनी एक पहाड़ी पर पौधे लगाने का काम भी कर रहे है। इसी दौरान इन्होंने पहाड़ी पर एक तलाई देखी जो कभी पहाड़ी पर जानवरों के पानी पीने के काम आती होगी, लेकिन अभी इसमें मिट्टी भर चुकी थी। इन दोनों युवकों ने गांव में आकर अपने अन्य साथियों और यहां राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की आजाद शाखा चलाने वाले अपने भाई विक्रम सिंह गुर्जर से इस तलाई की खुदाई करने के बारे में चर्चा की।

विक्रम सिंह ने बताया कि हमारी शाखा में गांव के 20-25 युवक आते है। लाॅकडाउन के दौरान कई और युवक इन दिनों गांव में आए हुए है। हमने सबसे चर्चा की और पिछले एक माह से गांव के करीब 35-40 युवक, जिनमें हमारे स्वयंसेवक भी शामिल है, सभी मिलकर रोज सुबह चार-पांच घंटे यहां श्रमदान करते हैं। हमने तलाई की मिट्टी को साफ कर दिया है और एक अच्छा तालाब यहां तैयार हो गया है। मानसून में इसमें इतना पानी आ जाएगा कि जानवरों को लंबे समय पानी की दिक्कत नहीं होगी और वे गांव तक नहीं आएंगे।

विक्रम ने बताया कि अब इस तालाब में पत्थर लगाने की जरूरत है, लेकिन यह थोड़ा मुश्किल काम है, क्योंकि नीचे से पहाड़ी पर पत्थर ले जाना बिना मशीनों के सम्भव नहीं है। इस तलाई में पत्थर लग जाएंगे तो यह जानवरों के लिए और भी ज्यदा लम्बे समय तक उपयोगी रह पाएगी। उन्होंने बताया कि इसके लिए हम सरकार और स्वयंसेवी संस्थाओं से बात कर रहे है।

पेड़ों की अवैध कटाई भी रोकी

विक्रम सिंह ने बताया कि तलाई की खुदाई करने वाले युवकों ने यहां पेड़ों की अवैध कटाई भी रोकी। उन्होंने बताया कि लाॅकडाउन के अवैध शराब की भटिटयां चलाने वालों ने इस पूरे इलाके में पेड़ों की जबर्दस्त कटाई की है। इस बारे में उन्होंने खुद राजस्थान सरकार के सम्पर्क पोर्टल पर दो बार शिकायत की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। उन्होंने बताया कि कटाई करने वाले उस इलाके में भी आए, जहां युवक तलाई का काम कर रहे थे, लेकिन युवकों ने उस इलाके में इन्हें पेड़ नहीं काटने दिए। हालांकि, आसपास काफी संख्या में पेड़ काटे जा चुके है। 

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