Lockdown 4.0: राजस्थान के स्टोन आधारित उद्योगों में कामकाज शुरू

Lockdown 4.0 राजस्थान में कोटा धौलपुर करौली दौसा जैसलमेर आदि जिले अपने-अपने क्षेत्र के विशेष पत्थरों के लिए जाने जाते हैं।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Publish:Thu, 28 May 2020 06:26 PM (IST) Updated:Thu, 28 May 2020 06:26 PM (IST)
Lockdown 4.0: राजस्थान के स्टोन आधारित उद्योगों में कामकाज शुरू
Lockdown 4.0: राजस्थान के स्टोन आधारित उद्योगों में कामकाज शुरू

राज्य ब्यूरो, जयपुर। Lockdown 4.0: लॉकडाउन 4.0 की समाप्ति का समय नजदीक आने के साथ ही राजस्थान में औद्योगिक गतिविधियां बढ़ने लगी हैं। सरकार का दावा है कि प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में स्थित स्टोन आधारित औद्योगिक इकाइयों के साथ ही कुल मिला कर 35 हजार से अधिक औद्योगिक इकाइयों में काम शुरू हो गया है। राजस्थान में कोटा, धौलपुर, करौली, दौसा, जैसलमेर आदि जिले अपने-अपने क्षेत्र के विशेष पत्थरों के लिए जाने जाते हैं। इन क्षेत्रों में बड़ पैमाने पर स्टोन आधारित इकाइयां कार्यरत हैं। कोरोना संक्रमण के चलते लॉकडाउन में यह इकाइयां बंद हो गई थीं। अब इनमें फिर से उत्पादन शुरू हो रहा है।

राजस्थान के अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया है कि प्रदेश के सिकंदरा, कोटा, झालावाड़, करौली, बयाना, धौलपुर, जैसलमेर आदि स्थानों पर परंपरागत स्टोन आधारित अधिकांश इकाइयों में काम शुरू हो गया है और इन्हें मिलाकर करीब 35 हजार से अधिक औद्योगिक इकाइयां शुरू हो गई हैं। अग्रवाल ने बताया कि टेक्सटाइल सेक्टर, ऑइल सेक्टर, सीमेंट सेक्टर, आटा-दाल, मसाला मिलों, फार्मा सेक्टर के साथ ही स्टोन सेक्टर की इकाइयों का आरंभ होना प्रदेश की औद्योगिक गतिविधियों के सामान्य स्तर की और लौटने का संकेत है। उन्होंने बताया कि स्टोन सेक्टर में अधिकांश संख्या में स्थानीय श्रमिक होने से स्थानीय स्तर पर ही श्रमिक रोजगार से जुड़ने लगे हैं।

अग्रवाल ने बताया कि दौसा के सिकंदरा में स्टोन का काम कर रही आधी से अधिक इकाइयों में छेनी-हथौड़े का जादू चल निकला है। उन्होंने बताया कि करौली के हल्के लाल पत्थर पर आकर्षक जाली-झरोखे, छतरियां, मूर्तियां, फब्बारें, डिजाइनर पिलर और पत्थर के मुंह बोलते अन्य डेकोरेटिव उत्पाद बनाए जाने का काम शुर हो गया है। इसी तरह से करौली में परंपरागत सेंड स्टोन की 150 में से 140 इकाइयों में चौखट, जाली-झरोखे, स्लेब्स आदि का काम शुर हो गया है। भरतपुर बयाना के बंशीपहाड़पुर पत्थर की रीको औद्योगिक क्षेत्र, आईआईडी और आसपास की करीब 200 इकाइयों में से 160 इकाइयों में काम शुर हो गया है।

उन्होंने बताया कि इसी तरह से धौलपुर की 85 पत्थर की इकाइयों में काम होने लगा है। अग्रवाल ने बताया कि विश्वविख्यात कोटा स्टोन की इकाइयों में उत्पादन शुरू होने से क्षेत्र के श्रमिकों को रोजगार मिलने लगा है। उन्होंने बताया कि कोटा स्टोन की झालावाड़ की 400 इकाइयों और कोटा में 260 इकाइयों में काम शुरू हो गया है। उन्होंने बताया कि स्टोन उद्योग से अधिकांश स्थानीय लोग ही जुड़े हुए हैं। ऐसे में काम शुरू होने में परेशानी नहीं आ रही है।

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