Dravyavati River Project: वसुंधरा राजे ने द्रव्यवती रिवर प्रोजेक्ट को लेकर गहलोत सरकार पर निशाना साधा

Rajasthan अशोक गहलोत सरकार पर वसुंधरा राजे ने जयपुर में द्रव्यवती रिवर फ्रंट प्रोजेक्ट को राजनीतिक चश्मे से देखने लापरवाही बरतने और कुप्रबंधन करने के आरोप लगाए हैं। वसुंधरा सरकार के कार्यकाल में इस प्रोजेक्ट में बर्ड पार्क सुंदर गार्डन और कैफे बनाए गए थे।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Publish:Thu, 23 Sep 2021 08:26 PM (IST) Updated:Thu, 23 Sep 2021 08:26 PM (IST)
Dravyavati River Project: वसुंधरा राजे ने द्रव्यवती रिवर प्रोजेक्ट को लेकर गहलोत सरकार पर निशाना साधा
वसुंधरा राजे और सीएम अशोक गहलोत का फाइल फोटो।

जागरण संवाददाता, जयपुर। राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने प्रदेश की अशोक गहलोत सरकार पर जयपुर में द्रव्यवती रिवर फ्रंट प्रोजेक्ट को राजनीतिक चश्मे से देखने, लापरवाही बरतने और कुप्रबंधन करने के आरोप लगाए हैं। वसुंधरा ने बृहस्पतिवार को ट्वीट में लिखा कि द्रव्यवती रिवर फ्रंट ना सिर्फ उनके नेतृत्व वाली भाजपा सरकार का एक ड्रीम प्राजेक्ट था, बल्कि यह जयपुर के लाखों लोगों की उम्मीद थी। जिसके लिए हमने संकल्प लेकर 1400 करोड़ रुपये की लागत से एक गंदे नाले को सुंदर और साफ नदी के रूप में बदलने की दिशा में काम किया था। इसका काम पूरा होते ही करीब 47 किलोमीटर लंबे द्रव्यवती रिवर फ्रंट के रूप में एक नए खूबसूरत और साफ सुथरे जयपुर की छवि निखर कर सामने आई थी, लेकिन गहलोत सरकार की संवेदनहीनता और लापरवाही के चलते द्रव्यवती रिवर फ्रंट प्रोजेक्ट भी अब अव्यवस्था का शिकार हो गया है।

ऐसा था रिवर फ्रंट

उन्होंने गहलोत सरकार से आग्रह किया है कि इस रिवर फ्रंट को राजनीतिक चश्मे से देखने के बजाय उसे जनता के हित के नजरिए से देखना चाहिए, ताकि यह प्रोजेक्ट पर्यटन स्थल के तौर पर देश और दुनिया में एक उदाहरण बन सके। उल्लेखनीय है कि वसुंधरा सरकार के कार्यकाल में इस प्रोजेक्ट में बर्ड पार्क, सुंदर गार्डन और कैफे बनाए गए थे। नदी के दोनों तरफ गार्डन बनाया गया था। गौरतलब है कि करीब पौने तीन साल का कार्यकाल पूरा कर चुकी अशोक गहलोत सरकार शहरों व ग्रामीणा क्षेत्रों के आम लोगों की समस्याओं का समाधान करने के लिए दो अभियान चलाएगी। सरकार ने तय किया है कि प्रशासन शहरों के संग और प्रशासन गांवों के संग दो अलग-अलग अभियान चलाए जाएंगे। इन दोनों अभियानों में राजस्व प्रकरणों का निस्तारण किया जाएगा। शहरों व गांवों में जमीन के पट्टे वितरित किए जाएंगे। पेंशन प्रकरणों का निस्तारण होगा। गत दिनों मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में तय किया गया कि अभियान की शुरुआत के मौके पर दो अक्टूबर को होने वाले राज्य स्तरीय समारोह में सभी मंत्री मौजूद रहेंगे। इसके बाद चार अक्टूबर को सभी मंत्री अपने-अपने विधानसभा क्षेत्रों जाकर अभियान की समीक्षा करेंगे।

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