उदयपुर की पहली महिला कलेक्टर बनी आनंदी, कहा- पहले जिले को समझना होगा

प्रदेश की अशोक गहलोत सरकार ने जिला कलेक्टर के रूप में श्रीमती आनंदी को भेजा। आनंदी उदयपुर की पहली महिला जिला कलेक्टर बन गईं।

By Preeti jhaEdited By: Publish:Fri, 28 Dec 2018 09:26 AM (IST) Updated:Fri, 28 Dec 2018 09:26 AM (IST)
उदयपुर की पहली महिला कलेक्टर बनी आनंदी, कहा- पहले जिले को समझना होगा
उदयपुर की पहली महिला कलेक्टर बनी आनंदी, कहा- पहले जिले को समझना होगा

उदयपुर, जेएनएन। प्रदेश की अशोक गहलोत सरकार ने जिला कलेक्टर के रूप में आनंदी को भेजा। उनके पहली बार पदभार ग्रहण करते ही आनंदी उदयपुर की पहली महिला जिला कलेक्टर बन गईं। पदभार ग्रहण करते ही उन्होंने कहा कि पहले जिले को समझना होगा। शहर यकीनन सुंदर है और इसे और इसे सुंदरतम बनाए जाने वाली योजनाएं बनानी होंगी।

आनंदी ने उदयपुर की 45वीं और पहली महिला जिला कलेक्टर के रूप में पदभार ग्रहण करने के बाद मीडिया से उदयपुर शहर और जिले के संबंध में बात की। उन्होंने कहा कि जनजाति जिले के साथ उदयपुर राजस्थान के खूबसूरत शहरों में शुमार है। इसकी खूबसूरती कैसे बढ़ाई जाएं। इसके लिए पहले से क्या योजनाएं चल रही हैं, आगे क्या बनाई जाए, इस संबंध में पढ़ाई करनी होगी। जनजाति क्षेत्र की समस्याएं जानी जाएंगी। यह उनकी प्राथमिकता होगी।

बैच 2007 की आईएएस आनंदी को 70 साल के इतिहास में उदयपुर में पहली महिला कलेक्टर होने का गौरव मिला है। इससे पहले 1948 में पहले कलेक्टर मोइनुद्दीन से लेकर 44 वें कलेक्टर बिष्णुचरण मल्लिक तक सभी पुरुष वर्ग से ही रहे हैं। आनंदी चौथी बार बतौर कलक्टर सेवाएं देंगी।

रोजाना एक घंटे महिलाओं की समस्या ही सुनेंगी
आनंदी ने कहा कि आज भी महिलाएं घूंघट की ओट में रहती हैं। उनमें आत्मविश्वास की कमी झलकती है। वे महिला है इसलिए महिलाओं के हित को लेकर भी विशेष काम करेंगी, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि वह केवल महिलाओं के हित ही सोचेंगी। वह सभी वर्गों के कल्याण का लक्ष्य रखेंगी। उन्होंने कहा कि वह हर दिन एक घंटा केवल महिलाओं की समस्याओं पर ही सुनवाई सुनेंगी। महिला होने के नाते मेरी प्राथमिकता में से एक विषय महिलाओं से जुड़ी हुई है, इसीलिए उनकी समस्याओं का समाधान करना मेरी जिम्मेदारी है।

2007 बैच की आईएएस हैं आनंदी
तमिलनाडु की आनंदी साल 2007 बैच की आईएएस हैं। उन्हें प्रशासनिक कामकाज संभालने का लंबा तर्जुबा है। साल 2008 में उन्होंने बतौर अंडर ट्रेनी मसूरी से करियर की शुरूआत की। राजस्थान में उन्हें चौथी बार कलेक्टर का जिम्मा सौंपा गया। वे 5 जून 2013 से 4 मई 2015 तक बूंदी कलेक्टर, 6 मई 2015 से 22 जून 2016 तक सवाई माधोपुर तथा 4 मई 2018 से 21 जुलाई 2018 तक राजसमंद में जिला कलेक्टर रह चुकी हैं। उदयपुर जिला कलक्टर पर निुयक्ति से पूर्व वह 23 जुलाई 2018 से वित्त (कर) विभाग जयपुर में संयुक्त शासन सचिव
पर सेवाएं दे रही थीं।

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