मौत के 72 घंटे बाद भी नहीं हो सका गर्भवती महिला का दाह संस्कार, मुआवजे की मांग पर अड़े ग्रामीण

ग्रामीण मृतक महिला के परिजनों को 10 लाख का मुआवजा देने व जिम्मेदार चिकित्सक को निलंबित करने की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। मांग पूरी होने तक शव का अंतिम संस्कार नहीं करने की बात भी ग्रामीणों ने कही है ।

By Preeti jhaEdited By: Publish:Mon, 12 Oct 2020 03:00 PM (IST) Updated:Mon, 12 Oct 2020 03:00 PM (IST)
मौत के 72 घंटे बाद भी नहीं हो सका गर्भवती महिला का दाह संस्कार, मुआवजे की मांग पर अड़े ग्रामीण
राजस्थान में गलत इंजेक्शन लगाने से साढ़े आठ माह की गर्भवती महिला की मौत

जयपुर, जागरण संवाददाता। राजस्थान में चूरू जिले के रामपुरा गांव में गलत इंजेक्शन लगाने से साढ़े आठ माह की गर्भवती महिला रचना की मौत के बाद हालात तनावपूर्ण हो गए। सोमवार को लगातार तीसरे दिन ग्रामीणों का धरना जारी है। ग्रामीण मृतक महिला के परिजनों को 10 लाख का मुआवजा देने व जिम्मेदार चिकित्सक को निलंबित करने की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। मांग पूरी होने तक शव का अंतिम संस्कार नहीं करने की बात भी ग्रामीणों ने कही है ।

भाजपा नेता राजेंद्र राठौड़ व बहुजन समाज पार्टी के पूर्व विधायक मनोज न्यागली की अगुवाई में धरना दे रहे ग्रामीणों से बातचीत के लिए सोमवार को जिला कलेक्टर प्रदीप गांवडे व पुलिस अधीक्षक परिस देशमुख लगातार दूसरे दिन पहुंचे । लेकिन बातचीत का कोई सकारात्मक परिणाम नहीं नकल सका। इससे पहले रविवार शाम को पुलिस और ग्रामीणों के बीच झड़प हुई थी, जिसमें दोनों तरफ से लाठी-पत्थर चले। ग्रामीणों ने पुलिसकर्मियों पर पथराव किया तो पुलिसकर्मियों ने जवाब में लाठीर्चाज किया। इस दौरान एक दर्जन पुलिसकर्मी और कई ग्रामीण घायल हो गए। ग्रामीणों ने क्षेत्रीय कांग्रेस विधायक कृष्णा पूनिया को धरना स्थल पर नहीं आने दिया। वे ग्रामीणों से बातचीत के लिए पहुंची थी, लेकिन जैसे ही वे मौके पर पहुंची पथराव शुरू हो गया। ग्रामीणों ने विधायक के खिलाफ नारेबाजी की।

यह है मामला

पुलिस थाना अधिकारी रूपचंद ने बताया कि शुक्रवार को रामपुरा के आदर्श प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में प्रसव के लिए आई 25 वर्षीय महिला रचना की मौत हो गई थी। मृतका के पति राजेंद्र मीणा ने बताया कि शुक्रवार को उनकी गर्भवती पत्नी रचना को दिखाने के लिए स्वास्थ्य केंद्र लाया गया, जहां डॉ. भीमराज ने जांच कर रिपोर्ट सही बताई। वह पत्नी को लेकर वापस घर चले गया। घर पहुंचने के बाद रचना को प्रसव पीड़ा शुरू हो गई तो वह उसे लेकर फिर अस्पताल पहुंचा। चिकित्सक ने इंजेक्शन लगाया और उसके बाद रचना की तबीयत बिगड़ गई। उसके मुंह व कान से खून आने लगा, स्थिति देख चिकित्सक वहां से भागने लगा। चिकित्सक को रोकने का प्रयास किया तो उसने रचना को राजगढ़ रेफर कर दिया। निजी वाहन से रचना को राजगढ़ ले जाया गया, जहां से उसे चूरू रेफर कर दिया। चूरू जाते समय रास्ते में मौत हो गई।

चूरू जिला अस्पताल ने रचना को मृत घोषित कर दिया। राजेंद्र मीणा ने आरोप लगाया कि मेरी पत्नी की डॉ. भीमराज की लापरवाही के कारण मौत हुई है। घटना को लेकर हमीरवास पुलिस थाने में मामला दर्ज कराया गया है।

पुलिस के अनुसार शनिवार से ग्रामीण धरना दे रहें हैं। 

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