Coronavirus: सीमा पर एक-दूसरे से तीन मीटर की दूरी रखकर की जा रही चौकसी

Coronavirus. खुद को एक-दूसरे से तीन मीटर की दूरी पर रखते हुए जवान पाक से सटे राजस्थान बॉर्डर पर जहां एक तरफ दुश्मन से देश की रक्षा कर रहे हैं।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Publish:Wed, 01 Apr 2020 03:44 PM (IST) Updated:Wed, 01 Apr 2020 03:44 PM (IST)
Coronavirus: सीमा पर एक-दूसरे से तीन मीटर की दूरी रखकर की जा रही चौकसी
Coronavirus: सीमा पर एक-दूसरे से तीन मीटर की दूरी रखकर की जा रही चौकसी

नरेन्द्र शर्मा, जयपुर। Coronavirus. भारत-पाक सीमा पर तैनात सेना और सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवान देश की सुरक्षा के साथ खुद की सुरक्षा भी कर रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा में जुटे जवान कोरोना वायरस के बचाव को लेकर भी सक्रिय है। इनमें बीएसएफ की महिला जवान शामिल हैं। खुद को एक-दूसरे से तीन मीटर की दूरी पर रखते हुए जवान पाक से सटे राजस्थान के 1070 किलोमीटर लंबे बॉर्डर पर जहां एक तरफ दुश्मन से देश की रक्षा कर रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ कोरोना से खुद का भी बचाव कर रहे हैं। बीएसएफ के सेक्टर और बटालियन मुख्यालय पूरी तरह से सील कर दिए गए हैं। बॉर्डर पर तैनात जवान और अफसर अब 15 अप्रैल तक वहीं रहेंगे। जवानों की प्रतिदिन होने वाली सामूहिक गतिविधियां अब बंद कर दी गई हैं। जवानों की नियमित जांच करने के साथ ही उन्हें सैनिटाइजर और मास्क उपलब्ध कराए गए हैं।

सेना के प्रवक्ता कर्नल सोंबित घोष का कहना है कि इन दिनों सैन्य क्षेत्रों व बीएसएफ के आवासीय परिसरों में बाहरी लोगों की आवाजाही बंद कर दी गई है। 21 मार्च के बाद से ही सैन्य स्टेशन में लॉकडाउन कर दिया गया। आवासीय परिसरों में नियमित पेट्रोलिंग की जा रही है। वायुसेना के जोधपुर, बीकानेर और जैसलमेर एयरबेस पर विशेष सुरक्षा बरती जा रही है। जैसलमेर जिले से सटी सीमा चौकियों पर सुरक्षा के लिए बीएसएफ की 300 महिला जवान तैनात है। ये महिला जवान खुद को कोरोना वायरस से बचाने के लिए बार-बार सैनिटाइजर से हाथ साफ करने के साथ ही जब मौका मिलता है तो पानी और साबुन से हाथ-पैर साफ करती है  इसी तरह बाड़मेर में तैनात बीएसएफ की 200 महिला जवान दिन-रात देश की सुरक्षा के साथ ही खुद के बचाव में जुटी रहती है।

कोरोना के बढ़ते प्रकोप के बीच इन्हें अपनों की चिंता तो सताती है, लेकिन वे देश सेवा पहले मानती हैं। जब उच्च अधिकारियों की अनुमति मिलती है तो ये अपने घर बात करने के लिए करीब 100 किलोमीटर दूर रामगढ़ ऊंट या जिप्सी से जाकर फोन पर बात करती हैं। ईरान से एयरलिफ्ट करके लाए गए भारतीयों को जैसलमेर और जोधपुर में सेना द्वारा तैयार आइसोलेशन सेंटर में रखा गया है। इन लोगों की देखभाल में सैन्य स्टाफ हमेशा जुटा रहता है। जैसलमेर के आइसोलेशन सेंटर में 484 और जोधपुर में 277 लोगों को रखा गया है। बाड़मेर के आइसोलेशन सेंटर में फिलहाल किसी को नहीं रखा गया।

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