Coronavirus Lockdown effect:अपना पर्यटन उद्योग बचाने में जुटा राजस्थान, घरेलू पर्यटकों पर करेगा फोकस
कोरोना संक्रमण के चलते अब लम्बे समय तक विदेशी पर्यटकों के आने की उम्मीद नहीं होने के चलते सरकार ने अब घरेलू पर्यटकों पर फोकस करने की रणनीति बनाई है।
जयपुर, राज्य ब्यूरो। राजस्थान में रोजगार और सरकार की आय के प्रमुख स्रोत पर्यटन उद्योग को बचाने के लिए राजस्थान सरकार ने प्रयास शुरू कर दिए है। कोरोना संक्रमण के चलते अब लम्बे समय तक विदेशी पर्यटकों के आने की उम्मीद नहीं होने के चलते सरकार ने अब घरेलू पर्यटकों पर फोकस करने की रणनीति बनाई है। इसके लिए पैलेस ऑन व्हील्स जैसी प्रीमियम ट्रेन में भी बदलाव करने की तैयारी की जा रही है जो अब तक लगभग पूरी तरह विदेशी पर्यटकों के भरोसे चलती थी।
राजस्थान में पर्यटन रोजगार के लिहाज से सबसे बड़े उद्योगों में शामिल है। राजस्थान के जयपुर, अजमेर, सवाई माधोपुर, जोधपुर, जैसलमेर, बीकानेर, उदयपुर, राजसमंद,चित्तौड़गढ़, सीकर, चूरू, झुंझुनूं, भरतपुर, सिरोही, अलवर और करौली जिलों में पर्यटन लोगों की आय का बड़ा जरिया है। इनमें से जयपुर, अजमेर, सवाई माधोपुर, जैसलमेर, जोधपुर, उदयपुर, भरतपुर, अलवर, झुंझुनूं और चित्तौड़गढ़ में तो विदेशी पर्यटक भी बड़ी संख्या में पहुंचता है।
कोरोना वायरस संक्रमण के चलते अब विदेशी पर्यटकों के आने पर लम्बे समय तक रोक रहने की सम्भावना है। पर्यटन क्षेत्र से जुड़े लोग मानते हैं कि अंतरराष्ट्रीय उड़ानों से पाबंदी हट भी गई तो मौजूदा परिस्थितियों को देखते हुए विदेशी पर्यटन की स्थिति सुधरने में कम से कम एक से डेढ़ साल का समय लग सकता है। यही कारण है कि राजस्थान में सरकार अब घरेलू पर्यटकों पर फोकस कर रही है। इसके लिए राजस्थान के पर्यटन मंत्री विश्वेन्द्र सिंह एक बार महाराष्ट्र के पर्यटन मंत्री आदित्य ठाकरे से बात कर चुके है, वहीं अब उन्होंने राजस्थान में ही पर्यटन उद्योग से जुड़े संगठनों से भी बातचीत का सिलसिला शुरू किया है। सोमवार को हुई ऐसी ही एक बैठक में राजस्थान में पर्यटन उद्योग में नई जान फूंकने को लेकर विचार किया गया।
यह हुए फैसले
बैठक में तय किया गया कि राजस्थान को घरेलू पर्यटकों के लिए पसंदीदा पर्यटन स्थल के रूप में पेश करने के लिए एक आक्रामक मार्केटिंग कैम्पेन चलाया जाएगा। आध्यात्मिक, वन्य जीवन और एडवेंचर पर्यटन पर ध्यान केंद्रित करने के लिए नए सर्किट बनाए जाएंगे। पैलेस ऑन व्हील्स के लिए अब घरेलू पर्यटकों पर भी फोकस किया जाएगा और उनके हिसाब से इसमें बदलाव भी किया जाएगा।
विभाग की वेबसाइट को नए सिरे से बनाई जाएगी और सोशल मीडिया के जरिए लोगों को आकर्षित किया जाएगा। स्वास्थ्य और स्वच्छता के मुद्दों को लेकर एक समिति भी बनाई गई है जो पर्यटन स्थलों पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा बताए गए विभिन्न स्वास्थ्य दिशा निर्देशों का पालन कराने के लिए की जाने वाली व्यवस्था तथा सफाई के बारे में सुझाव देगी। इसके अलावा शिल्पकारों और लोक कलाकारों पर इस समय ध्यान देने की जरूरत है और उनके लिए भी एक पैकेज तैयार किया जाएगा।
ये सुझाव आए-
बैठक में राजसमंद सांसद और पर्यटन की संसदीय सलाहकार समिति की सदस्य दीया कुमारी ने कहा कि पर्यटन विभाग को प्रमुख अखबारों और चैनलों के माध्यम से एक सक्रिय विज्ञापन अभियान शुरू करने की आवश्यकता है। उन्होंने यह भी आग्रह किया कि पैलेस ऑन व्हील्स को निजी संग्रहालयों और स्मारकों के साथ जोड़ा जाए। इंडियन हेरिटेज होटल्स एसोसिएशन और फेडरेशन ऑफ हॉस्पिटेलिटी एंड टूरिज्म ऑफ राजस्थान के प्रतिनिधि
रणधीर विक्रम सिंह ने कहा कि पर्यटकों के लिए एक टोल-फ्री नंबर होना चाहिए ताकि उन्हें राज्य के बारे में तत्काल जानकारी मिल सके। उन्होंने कहा कि फिल्म शूटिंग एक और संभावित क्षेत्र है जिसमें सरकार को शुल्क माफ करने और शूटिंग को आसान बनाने के लिए काम करना चाहिए। इसके अलावा जयपुर में एक डोमेस्टिक टूरिज्म मार्ट का आयोजन किया जाना चाहिए।