Rajasthan Political Crisis: एसओजी ने राजद्रोह के तीनों मामलों में एफआर लगाई, कहा-हम कोई कार्रवाई नहीं चाहते
राजस्थान के सियासी घी में आग डालने का काम करने के बाद स्पेशल आॅपरेशन ग्रुप (एसओजी) ने अब विधायक खरीद-फरोख्त मामले में दर्ज किए गए तीनों मामलों में अंतिम रिपोर्ट (एफआर) लगा दी है ।
जागरण संवाददाता,जयपुर ! राजस्थान के सियासी घी में आग डालने का काम करने के बाद स्पेशल आॅपरेशन ग्रुप (एसओजी) ने अब विधायक खरीद-फरोख्त मामले में दर्ज किए गए तीनों मामलों में अंतिम रिपोर्ट (एफआर) लगा दी है । करीब 28 दिन बाद एसओजी ने मामला यह कहते हुए बंद कर दिया कि अब हम इसमें कोई कार्रवाई नहीं चाहते हैं। एसओजी ने कोर्ट में भी धारा 124 के तहत दर्ज राजद्रोह के केस को बंद करने की बात कही है । एसओजी ने राज्य सरकार गिराने की साजिश को लेकर 10 जुलाई को मामला दर्ज किया था ।
उस समय कहा गया था कि एक तस्कर का मोबाइल सर्विलांस पर लेने के दौरान एसओजी को राज्य सरकार गिराने की साजिश का पता चला है । इस मामले में उदयपुर निवासी भरत मालानी व अशोक सिंह को राजद्रोह के मामले में गिरफ्तार किया गया । इनसे हुई पूछताछ के आधार पर सचिन पायलट सहित 16 विधायकों को नोटिस जारी किए गए थे । दो दिन बाद 13 जुलाई को इनके खिलाफ राजद्रोह का मामला दर्ज किया गया । अपने खिलाफ राजद्रोह का मामला दर्ज होने से नाराज पायलट ने कांग्रेस आलाकमान से शिकायत की । लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई तो वे अपने समर्थकों के साथ मानेसर चल गए,तब से वहीं है ।
राजद्रोह का दूसरा और तीसरा केस विधायकों की खरीद-फरोख्त से जुड़ा मामले सोशल मीडिया पर वायरल हुए कथित आॅडियो को लेकर किया गया । इसमें केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत,कांग्रेस के दो बागी विधायक विश्वेंद्र सिंह व भंवरलाल शर्मा के साथ ही मध्यस्थ की भूमिका निभाने वाले संजय जैन के खिलाफ राजद्रोह का मामला दर्ज किया गया था। सरकारी मुख्य सचेतक महेश जोशी की शिकायत के आधार पर दर्ज इस मामल में एसओजी ने संजय जैन को गिरफ्तार भी कर लिया था ।
वकील ने कोर्ट कहा, हम नहीं चाहते कोई कार्रवाई
एसओजी के वकील संत कुमार ने विशेष कोर्ट से कहा है कि इस मामले में हम कोई कार्यवाही नहीं चाहते हैं । जांच में राजद्रोह के कोई साक्ष्य नहीं मिले हैं ।कोर्ट ने इसकी इजाजत देते हुए गिरफ्तार आरोपित संजय जैन, भरत मालानी और अशोक सिंह को छोड़ने का आदेश दिया है, हालांकि संजय जैन अभी भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो में 5 दिन की रिमांड पर हैं, इस वजह से वो अभी नहीं छूट सकेगा । उल्लेखनीय है कि इससे पहले एसओजी ने हाईकोर्ट से कहा था कि इस मामले में राजद्रोह का केस नहीं बनता है इसलिए हम राजद्रोह की धाराओं को वापस लेना चाहते हैं।
भाजपा ने सरकार को घेरा
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया व उप सचेतक राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि 28 दिन तक अपने ही लोगों के खिलाफ राजद्रोह का केस लगाया । कई जगह छापेमारी की गई और जब कोई मामला नहीं बनता दिखा तो इसे वापस ले लिया । उन्होंने कहा कि कि निर्दोष लोगों को एक महीने तक जेल में रखने की सजा किस को मिलनी चाहिए ।