Rajasthan: महिला शोधार्थियों के लिए पेटेंट का खर्च उठाएगी राजस्थान सरकार

Rajasthan government. अब गहलोत सरकार न केवल महिला शोधार्थियों के शोध के पेटेंट में पूरी सहायता प्रदान करेगी बल्कि पेटेंट पर होने वाले खर्च की दो लाख रुपये तक की राशि भी वहन करेगी।

By Sachin MishraEdited By: Publish:Sun, 01 Dec 2019 12:32 PM (IST) Updated:Sun, 01 Dec 2019 12:32 PM (IST)
Rajasthan: महिला शोधार्थियों के लिए पेटेंट का खर्च उठाएगी राजस्थान सरकार
Rajasthan: महिला शोधार्थियों के लिए पेटेंट का खर्च उठाएगी राजस्थान सरकार

राज्य ब्यूरो, जयपुर। Rajasthan government. राजस्थान में महिला शोधार्थियों को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार उन्हें बड़ी सुविधा देने जा रही है। अब गहलोत सरकार न केवल महिला शोधार्थियों के शोध के पेटेंट में पूरी सहायता प्रदान करेगी, बल्कि पेटेंट पर होने वाले खर्च की दो लाख रुपये तक की राशि भी वहन करेगी। राजस्थान के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग ने कुछ समय पहले टेक्नोलॉजी एंड इनोवेशन सपोर्ट सेंटर (टिस्क) की स्थापना की है और महिला शोधार्थियों को इससे जोड़ा जाएगा। यहां उन्हें उनके उत्पाद के पेटेंट के लिए ड्राफ्टिंग, ट्रेड मार्क एवं डिजाइन की नि:शुल्क सुविधा मिलेगी। इस सुविधा से शोधार्थी की व्यय होने वाली 50 हजार से दो लाख रुपये तक की फीस सरकार द्वारा वहन की जाएगी।

विभाग की शासन सचिव मुग्धा सिन्हा ने जयपुर, उदयपुर, कोटा, बीकानेर, टोंक सहित अन्य जिलों में संचालित 20 विश्वविद्यालयों के महिला शोधार्थी, महिला प्रोफेसर एवं कानून की छात्राओं को बौद्धिक संपदा अधिकार, कॉपीराइट एवं पेटेंट पर आयोजित कार्यशाला में कहा कि पेटेंट के मामले में स्टार्ट अप को ही टिस्क से नि:शुल्क सुविधा प्रदान की जा रही थी, लेकिन अब महिला शोधार्थी को भी यह सुविधा मिलेगी। सिन्हा ने कहा कि कई महिला शोधार्थी विज्ञान एवं तकनीक के क्षेत्र में कार्य करते हुए घरेलू परिस्थितियों के कारण कुछ समय तक इस कार्य से अलग रहती हैं।

इन शोधार्थियों को महिला वैज्ञानिकों के रूप में विकसित करने के उद्देश्य से इस कार्यशाला का आयोजन किया गया है, ताकि उनको स्वरोजगार से जोड़ा जा सके एवं आसानी से नौकरी भी प्राप्त हो सके। सिन्हा ने कहा कि कई विश्वविद्यालय के प्रोफेसर एवं शोधार्थी छात्र-छात्राएं जयपुर नहीं आ सकते। अत: उन्हें उनके विश्वविद्यालयों में पेटेंट, बौद्धिक संपदा एवं कॉपीराइट के बारे में जानकारी देने के लिए विशेषज्ञों को भेजा जाएगा। उन्होंने कहा कि डिजिटल क्रांति के इस ऑनलाइन दौर में मूल रचना को सुरक्षित रखना बहुत चुनौतीपूर्ण काम है।

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