राजस्थान कांग्रेस में आंतरिक कलह जारी, गहलोत विरोधी खेमा सक्रिय

Ashok Gehlot. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की सीएम अशोक गहलोत पर पुत्रमोह को लेकर की गई टिप्पणी के बाद उनके विरोधी सक्रिय हो गए हैं।

By Sachin MishraEdited By: Publish:Tue, 28 May 2019 01:38 PM (IST) Updated:Tue, 28 May 2019 06:56 PM (IST)
राजस्थान कांग्रेस में आंतरिक कलह जारी, गहलोत विरोधी खेमा सक्रिय
राजस्थान कांग्रेस में आंतरिक कलह जारी, गहलोत विरोधी खेमा सक्रिय

जयपुर, नरेन्द्र शर्मा। राजस्थान की सभी 25 लोकसभा सीटों पर हार के बाद कांग्रेस में आंतरिक कलह तेज होती जा रही है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की सीएम अशोक गहलोत पर पुत्रमोह को लेकर की गई टिप्पणी के बाद उनके विरोधी सक्रिय हो गए हैं। गहलोत विरोधी खेमे के नेताओं ने मंगलवार को दिल्ली तक अपनी बात पहुंचाने की रणनीति बनाई। अब तक अलग-अलग गुटों में बटें गहलोत विरोधी अब उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के नेतृत्व को स्वीकारने के लिए तैयार हो गए है।

इसी बीच, हनुमानगढ़ जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री के.सी.विश्नोई ने हार के लिए सीएम गहलोत को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि सरकार की विफलता के कारण पार्टी की हार हुई। एक बयान में उन्होंने कहा कि गहलोत को सीएम बने रहने का कोई हक नहीं है।

वहीं, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव सुशील आसोपा ने फेसबुक पर पोस्ट कर कहा कि यदि सचिन पायलट मुख्यमंत्री होते तो परिणाम कुछ और होते। उधर, चुनाव में हार के कारणों पर चर्चा को लेकर बुधवार को जयपुर में राज्य के वरिष्ठ नेताओं, विधायकों और प्रदेश कांग्रेस पदाधिकारियों की बैठक बुलाई गई है। प्रदेश प्रभारी राष्ट्रीय महासचिव अविनाश पांडे की मौजूदगी में होने वाली इस बैठक में चुनाव हारने वाले प्रत्याशियों व जिला कांग्रेस अध्यक्षों को भी बुलाया गया है।

गहलोत और पायलट खेमे बना रही रणनीति
सभी 25 सीटें हारने के बाद कांग्रेस में जयपुर से लेकर दिल्ली तक चल रही आंतरिक खींचतान के बीच गहलोत और पायलट खेमा अपने-अपने स्तर पर रणनीति बनाने में जुटा है। गहलोत खेमे की कमान स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल व सरकारी मुख्य सचेतक महेश जोशी ने संभाल रखी है। ये मंत्रियों व विधायकों को गहलोत के पक्ष में लामबंद करने में जुटे हैं, जिससे जरूरत पड़ने तक दिल्ली तक इन्हें ले जाया जा सके। वहीं. गहलोत विरोधी खेमे के मंत्रियों में भंवरलाल मेघवाल, रमेश मीणा, प्रमोद जैन और विधायक पीआर मीणा सक्रिय हैं।

प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव सुशील आसोपा ने मंगलवार को फेसबुक पर पोस्ट किया कि अगर सचिन पायलट मुख्यमंत्री होते तो परिणाम कुछ और होते। इससे पहले खाद्य मंत्री व नागरिक आपूर्ति मंत्री रमेश मीणा एवं सहकारिता मंत्री उदय लाल आंजना ने सोमवार को कहा था कि पांच माह में कार्यकर्ताओं की सुनवाई नहीं हुई, ब्यूरोक्रेसी हावी है। उन्होंने हार को हल्के में नहीं लेने की बात कही थी। राज्य के कृषि मंत्री लालचंद कटारिया ने अपने विधानसभा क्षेत्र झोटवाड़ा में लोकसभा प्रत्याशी कृष्णा पूनिया की हार की जिम्मेदारी लेते हुए मंत्रीपद से इस्तीफा सीएम को भेज दिया था।

आलाकमान ने बयानबाजी से बचने की सलाह दी
हार के बाद मंत्रियों और नेताओं की बयानबाजी से चिंतित कांग्रेस आलाकमान ने नेताओं को शांत रहने के लिए कहा है। प्रदेश प्रभारी राष्ट्रीय महासचिव अविनाश पांडे ने एक पत्र जारी कर कांग्रेसियों से सार्वजनिक बयानबाजी से परहेज रखने के लिए कहा है। पांडे ने कहा कि अनुशासन में रहते हुए कोई भी नेता मीडिया में ऐसे बयान नहीं दे, जिससे पार्टी को नुकसान होता हो। उन्होंने पार्टीजनों ने निराश ना होकर संघर्ष जारी रखने का आह्वान किया है।

आरोपों के बीच गहलोत ने बताया, मैं पूरे प्रदेश में घूमा
सीएम गहलोत पर पुत्र के निर्वाचन क्षेत्र जोधपुर में अधिक व्यस्त देने को लेकर लग रहे आरोपों के बीच मंगलवार शाम मुख्यमंत्री कार्यालय की तरफ से उनका एक माह में की गई सभाओं और जनसंपर्क का पूरा विवरण जारी किया गया। इसके अनुसार, सीएम ने करीब 100 जनसभा और जनसंपर्क कार्यक्रम किए हैं।

कांग्रेस और बसपा के कई विधायक नाराजः ज्ञानदेव आहुजा
राजस्थान भाजपा के उपाध्यक्ष ज्ञानदेव आहुजा ने दावा किया है कि कांग्रेस के कई विधायक नाराज हैं। उन्होंने कहा कि मैं पार्टी का आधिकारिक प्रवक्ता नहीं हूं, लेकिन मैंने सुना है कि बसपा के विधायक नाराज हैं और इसी तरह कांग्रेस के भी 20-25 विधायक नाराज हैं। मैं इस पर आगे कोई और टिप्पणी नहीं करना चाहता।

राजस्थान में गिर सकती है सरकारः भवानी सिंह राजावत
राजस्थान भाजपा के भवानी सिंह राजावत के मुताबिक, राज्य में कांग्रेस की हालत ऐसी है कि हमें कठिन परिश्रम करने की आवश्यकता नहीं है, कांग्रेस खुद ही सरकार बनाने के प्रयास कर रही है। मुझे लगता है कि अगर इस्तीफे जारी रहेंगे तो वह दिन दूर नहीं जब सरकार गिर सकती है।
 

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