Rajasthan: भ्रष्टाचार के मामले में भजनलाल सरकार की बड़ी कार्रवाई, एसीबी के पूर्व डीआईजी विष्णु​कांत पर 10 लाख रुपए घूस लेने का केस दर्ज

एफआईआर में कहा गया है कि विष्णुकांत ने जांच अधिकारी से परामर्श नहीं किया और लोकेश के खिलाफ आरोप पत्र दायर करने का फैसला किया और हेड कांस्टेबल का नाम हटाने की सिफारिश की। इस बीच सरदार सिंह ने शिकायतकर्ता सत्यपाल पारीक को अपने भाई प्रताप सिंह और विष्णु कांत के बीच कथित बातचीत सहित कुछ ऑडियो क्लिप अग्रेषित करते हुए कहा कि उनका नाम एफआईआर से हटा दिया गया।

By Jagran NewsEdited By: Siddharth Chaurasiya Publish:Thu, 02 May 2024 03:53 PM (IST) Updated:Thu, 02 May 2024 03:53 PM (IST)
Rajasthan: भ्रष्टाचार के मामले में भजनलाल सरकार की बड़ी कार्रवाई, एसीबी के पूर्व डीआईजी विष्णु​कांत पर 10 लाख रुपए घूस लेने का केस दर्ज
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने भ्रष्टाचार के एक मामले में पूर्व डीआईजी विष्णु कांत के खिलाफ मामला दर्ज किया है।

पीटीआई, जयपुर। राजस्थान के भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने भ्रष्टाचार के एक मामले में अपने पूर्व डीआईजी विष्णु कांत, एक हेड कांस्टेबल और एक कांस्टेबल के खिलाफ मामला दर्ज किया है। अधिकारियों ने गुरुवार को यह जानकारी दी।

बुधवार को दर्ज की गई एफआईआर में आरोप लगाया गया कि आईपीएस अधिकारी विष्णु कांत ने एसीबी के डीआईजी के रूप में मार्च 2022 में अपने कांस्टेबल भाई प्रताप सिंह के माध्यम से हेड कांस्टेबल सरदार सिंह से 9.5 लाख रुपये की रिश्वत ली थी। कथित रिश्वत सरदार सिंह का नाम रिश्वतखोरी के एक मामले से हटाने के बदले में दी गई थी, जिसमें उन्हें और एक अन्य कांस्टेबल को अक्टूबर 2021 में गिरफ्तार किया गया था।

जयपुर के जवाहर सर्कल पुलिस स्टेशन में तैनात हेड कांस्टेबल सरदार सिंह और कांस्टेबल लोकेश को अक्टूबर 2021 में सत्यपाल पारीक की शिकायत के बाद एसीबी ने ट्रैप किया था। एफआईआर में कहा गया है कि जांच अधिकारी ने कांस्टेबल लोकेश के खिलाफ आरोपों को सही पाया और अदालत में मुकदमा चलाने की सिफारिश की, लेकिन सरदार सिंह के खिलाफ सबूतों की कमी का हवाला देते हुए उनका नाम मामले से हटाने की सिफारिश की।

फाइल तत्कालीन डीआईजी विष्णु कांत को भेजी गई, जिन्होंने इसे राय के लिए उप निदेशक (अभियोजन) के पास भेज दिया। एफआईआर के अनुसार, उप निदेशक (अभियोजन) ने फाइल देखने के बाद कहा कि सरदार सिंह की संलिप्तता दिखाई दे रही है और जांच कार्यालय के साथ चर्चा के बाद निर्णय लिया जाना चाहिए।

एफआईआर में कहा गया है कि विष्णुकांत ने जांच अधिकारी से परामर्श नहीं किया और लोकेश के खिलाफ आरोप पत्र दायर करने का फैसला किया और हेड कांस्टेबल का नाम हटाने की सिफारिश की। इस बीच, सरदार सिंह ने शिकायतकर्ता सत्यपाल पारीक को अपने भाई प्रताप सिंह और विष्णु कांत के बीच कथित बातचीत सहित कुछ ऑडियो क्लिप अग्रेषित करते हुए कहा कि उनका नाम एफआईआर से हटा दिया गया है।

शिकायतकर्ता ने सभी ऑडियो क्लिप डीजीपी को उपलब्ध कराईं, जिन्होंने उन्हें आगे की कार्रवाई के लिए एसीबी को भेज दिया। शुरुआती जांच के बाद एसीबी ने विष्णुकांत, सरदार सिंह और प्रताप सिंह के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया।

बुधवार को दर्ज की गई एफआईआर में कहा गया है कि विष्णुकांत ने सरदार सिंह का नाम हटाने के लिए कथित तौर पर 10 लाख रुपये की रिश्वत मांगी थी और इसके लिए उन्हें 9.5 लाख रुपये दिए गए थे। 2005 बैच के आईपीएस अधिकारी विष्णु कांत वर्तमान में आईजी, होम गार्ड के पद पर कार्यरत हैं।

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