राजस्थान विधानसभा में गूंजा आदिवासियों के बच्चों को गिरवी रखने का मामला Jaipur News

Tribal Children. राजस्थान के आदिवासी जिलों में आठ साल तक के बच्चों को गिरवी रखा जा रहा है।

By Sachin MishraEdited By: Publish:Tue, 09 Jul 2019 05:53 PM (IST) Updated:Tue, 09 Jul 2019 05:53 PM (IST)
राजस्थान विधानसभा में गूंजा आदिवासियों के बच्चों को गिरवी रखने का मामला Jaipur News
राजस्थान विधानसभा में गूंजा आदिवासियों के बच्चों को गिरवी रखने का मामला Jaipur News

जागरण संवाददाता, जयपुर। राजस्थान के आदिवासी क्षेत्रों में बच्चों को गिरवी रखने का मामला मंगलवार को राज्य विधानसभा में उठा। प्रतिपक्ष के नेता गुलाब चंद कटारिया एवं भारतीय ट्राइबल पार्टी के विधायक राजकुमार रोत ने शून्यकाल में यह मामला उठाते हुए कहा कि इस घटना ने पूरे देश में प्रदेश को शर्मसार किया है। यह मामला संसद में भी उठ चुका है।

बच्चों को गिरवी रखने की समस्या के समाधान की जरूरत बताते हुए कटारिया ने कहा कि बांसवाड़ा में गिरवी रखे गए बच्चों के बयान गौर करने वाले हैं। दो बच्चों ने कहा कि वे अपने माता-पिता के पास नहीं जाना चाहते है, क्योंकि उनके माता-पिता फिर गड़रियों के पास उन्हें गिरवी रख देंगे। राजकुमार रोत ने कहा कि आदिवासी जिलों में आठ साल तक के बच्चों को गिरवी रखा जा रहा है। बच्चों को गिरवी रखे जाने के मामले को लेकर विधानसभा में कुछ देर शोरशराबा हुआ। आखिरकार आसन के हस्तक्षेप से मामला शांत हुआ।

संविदा कर्मियों के लिए गहलोत सरकार बना रही प्लान

राजस्थान सरकार के विभिन्न विभागों या सरकारी दफ्तरों में काम कर रहे संविदा कर्मियाें की लंबे समय से चली आ रही विभिन्न मांगों को लेकर कांग्रेस की गहलोत सरकार ने प्लान तैयार किया है। इस प्लान के अनुसार जल्द ही सरकार संविदा कर्मियों के भविष्य का फैसला लेने वाली है। ऊर्जा मंत्री डॉ. बीडी कल्ला ने मंगलवार को विधानसभा में इसका जिक्र किया। उन्होंने बताया कि प्रदेश में संविदा कर्मियों के विषय में मंत्रिमंडलीय समिति की दो बैठकें आयोजित हो चुकी हैं और सरकार जल्द ही इस विषय में निर्णय लेगी। ऊर्जा मंत्री ने बताया कि समिति द्वारा संविदा कर्मियों की समस्याओं का पूर्ण अध्ययन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सभी बातों का अध्ययन करके ही कोई निर्णय लिया जाएगा।

कल्ला ने प्रश्नकाल के दौरान विधायकों द्वारा पूछे गए पूरक प्रश्नों का जवाब देते हुए कहा कि पिछली सरकार ने भी संविदाकर्मियों के लिए एक समिति बनाई थी, लेकिन पांच साल होने के बाद भी कोई निर्णय नहीं किया। लेकिन अब जो भी अंतिम निर्णय होगा, सबके सामने आ जाएगा। इस समस्या का पूरा अध्ययन और विचार किया जा रहा है। सभी विभागों से सूचनाएं एकत्र की जा रही हैं कि कौन व्यक्ति कितने समय से है, कब से है। उसमें आरक्षण के नियमों का पालन किया गया है या नहीं, उनके चयन का आधार क्या रहा है, इन सब बातों पर गौर करते हुए गुणावगुण के आधार पर विचार करके निर्णय किया जाएगा।

पूर्व विधायक पर लगाया हत्या का आरोप 

कांग्रेस विधायक गिरिराज सिंह मलिंगा ने भाजपा के पूर्व विधायक जसवंत सिंह गुर्जर पर हत्या के आरोप का मामला विधानसभा में उठाया। मलिंगा ने कहा कि भाजपा सरकार के समय गलत जांच की गई थी, इसलिए हत्याकांड की फिर से जांच होनी चाहिए। इसी बीच, बसपा विधायक राजेंद्र सिंह गुढ़ा ने पूर्व सीएम वसुंधरा राजे पर आरोप लगाए तो हंगामा होने लगा। भाजपा विधायकों ने शोरशराबा शुरू कर दिया। इस पर संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि पुलिस को इस मामले में कुछ नए तथ्य मिले हैं। मामला गंभीर है, जब तक इस मामले की फिर से जांच नहीं हो जाती है, तब तक सच्चाई सामने नहीं आ सकेगी। कोर्ट ने एफआर चाहे मंजूर कर ली हो, लेकिन पुलिस नए तथ्य सामने रखकर फिर से मामले को खुलवा सकती है। 

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