500 गोतस्करों की धरपकड़ में जुटी राजस्थान पुलिस

अलवर जिले में साल 2015 से अब तक गोतस्करी के 410 से अधिक मामले दर्ज किए गए है। इनमें 610 गौतस्करों को गिरफ्तार किया गया है।

By Preeti jhaEdited By: Publish:Mon, 10 Sep 2018 02:03 PM (IST) Updated:Mon, 10 Sep 2018 07:21 PM (IST)
500 गोतस्करों की धरपकड़ में जुटी राजस्थान पुलिस
500 गोतस्करों की धरपकड़ में जुटी राजस्थान पुलिस

जयपुर, जागरण संवाददाता। मॉब लिंचिंग की घटनाओं से सवालों के घेरे में आई राजस्थान पुलिस अब हरकत में आई है। पुलिस ने अब गोतस्करी रोकने के लिए विशेष टास्क फोर्स गठित करने के साथ ही गोतस्करों के खिलाफ अभियान शुरू किया है। फरार चल रहे गौतस्करों को सूचीबद्ध कर उन्हे पकड़ने का अभियान शुरू किया गया है।

यह अभियान विशेषरूप से अलवर जिले में चलेगा। अलवर पुलिस फरार चल रहे करीब 500 गौतस्करों की धरपकड़ में जुट गई है। अभियान के तहत अब तक दो दर्जन गौतस्करों पर शिंकजा कसते हुए उन्हें गिरफ्तार किया गया।

अलवर जिले में मॉब लिंचिग की बढ़ती घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए पुलिस ने दोहरी रणनीति के तहत काम करना शुरू किया है। इसमें एक तरफ जहां गोतस्करों की धरपकड़ की जा रही है, वहीं गोरक्षक के नाम पर गुंडागर्दी करने वाले कथित गौरक्षकों को चिन्हित कर उन्हें पाबंद करने समेत अन्य कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जा रही है।

अलवर में 3 साल में 410 से अधिक मामले

अलवर जिले में साल 2015 से अब तक गौतस्करी के 410 से अधिक मामले दर्ज किए गए है। इनमें 610 गोतस्करों को गिरफ्तार किया गया है। अलवर जिले में वर्ष 2015 में गोतस्करी के 160 मामले दर्ज कर 226 गोतस्करों को गिरफ्तार किया गया। साल 2016 में 117 मुकदमें दर्ज 248 गोतस्करों को पकड़ा गया। वहीं साल 2017 में गोतस्करी के 94 मुकदमे दर्ज कर 108 गोतस्करों को दबोचा गया। साल 2018 में अगस्त माह तक गोतस्करी के 41 मामले दर्ज हुए है, इनमें 28 गोतस्करों को गिरफ्तार किया गया था। इसके बावजूद अभी भी पांच सौ अधिक गोतस्कर पुलिस की गिरफ्त से बाहर है। 

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