पद्मावती का क्रेज, एक सप्ताह में 70 हजार पर्यटक पहुंचे चित्तौड़गढ़ फोर्ट

फिल्म "पद्मावती " को लेकर उठे विवाद का नतीजा इस बार चित्तौड़गढ़ और उदयपुर में पर्यटकों की आपार भीड़ देखने को मिला।

By Preeti jhaEdited By: Publish:Mon, 01 Jan 2018 02:54 PM (IST) Updated:Mon, 01 Jan 2018 03:43 PM (IST)
पद्मावती का क्रेज, एक सप्ताह में 70 हजार पर्यटक पहुंचे चित्तौड़गढ़ फोर्ट
पद्मावती का क्रेज, एक सप्ताह में 70 हजार पर्यटक पहुंचे चित्तौड़गढ़ फोर्ट

जयपुर, [नरेन्द्र शर्मा] । फिल्म "पद्मावती " को लेकर उठे विवाद का नतीजा इस बार चित्तौड़गढ़ और उदयपुर में पर्यटकों की आपार भीड़ देखने को मिला। क्रिसमस डे (25 जनवरी,2017 ) से लेकर नये साल के पहले दिन सोमवार तक चित्तौड़गढ़ फोर्ट एवं उदयपुर किले को देखने एक लाख से अधिक देशी-विदेशी पर्यटक पहुंचे ।

रानी पद्मनी के जौहर स्थल और पद्मनी मंदिर देखने पहुंचे पर्यटक की बढ़ती भीड़ को देखते हुए रविवार को तो फोर्ट के दरवाजे बंद करने पड़े। फोर्ट देखने के लिए लगने वाले टिकट ही समाप्त हो गए। रविवार को 8 हजार टिकट बिके वहीं सोमवार को यह संख्या 6 हजार के करीब रही। फोर्ट का काम देखने वाले भारतीय पुरात्तव एवं सर्वेक्षण विभाग के अधिकारियों के अनुसार 25 दिसम्बर से लेकर 1जनवरी तक करीब 70 हजार पर्यटकों ने चित्तौड़गढ़ फोर्ट देखा। उदयपुर किले में भी एक सप्ताह में करीब 40 हजार पर्यटक पहुंचे । 

चित्तौड़गढ़ फोर्ट के गाइड्स ने बताया कि यहां आने वाले लगभग सभी पर्यटक रानी पद्मनी द्वारा 16 हजार रानियों एवं दासियों के साथ किए गए जौहर स्थल,रानी पद्मनी के मंदिर और उस कांच को देखने को लेकर अधिक उत्सुकता थी जिसमें मुगल  बादशाह अल्लाउद्दीन खिलजी ने रानी पद्मनी को देखा था ।

हालांकि यह कांच करीब दो माह पूर्व करणी सेना के कार्यकर्ताओं ने पद्मावती फिल्म विवाद के दौरान तोड़ दिया था। वहीं उदयपुर महल में मेवाड़ राजघराने की परम्परा और शौर्य गाथा देखने और सुनने वालों की भीड़ उमड़ी ।चित्तौड़गढ़ फोर्ट और उदयपुर पहुंचने वाले पर्यटकों में राणा रतन सिंह,महारानी पद्मनी और महाराणा प्रताप के जीवन के बारे में जानने की उत्सुकता नजर आई।

पर्यटन व्यवसाय से जुड़े लोगों का दावा है कि दोनों शहरों  में देशी-विदेशी पर्यटक इस साल पिछले पांच साल की तुलना में काफी अधिक आए। इसका एक कारण फिल्म"पद्मावती " को लेकर उठा विवाद भी है। राज्य की पर्यटन मंत्री कृष्णेन्द्र कौर दीपा का कहना है कि इस साल पिछले कई सालों के मुकाबले अधिक पर्यटक आए। सही आंकड़ा तो एक-दो दिन में आ जाएगा,लेकिन पर्यटकों की बढ़ी तादाद से प्रदेश के पर्यटन व्यवसाय को नया जीवन मिला है। पर्यटन विभाग के अनुसार इस बार विदेशी पर्यटकों के अतिरिक्त गुजरात , मध्यप्रदेश,उत्तरप्रदेश,दिल्ली और हरियाणा से भी पर्यटक नया साल मनाने चित्तोडगढ़ एवं उदयपुर पहुंचे ।  पर्यटकों में सबसे अधिक उत्सुकता तो चित्तौड़ दुर्ग को देखने को लेकर है। चित्तौड़ में तो पर्यटकों की संख्या पिछले वर्ष के मुकाबले कई फीसदी तक की बढ़ोतरी हुई है।

चित्तौड़ के होटल व्यवसायी शांतिलाल नागदा, टूरिस्ट गाइड राजेन्द्र बंजारा और दुर्ग के बाहर दुकानें लगाने वालों का कहना है कि पद्मावती को लेकर बढ़े विवाद के बाद पर्यटक काफी संख्या में आ रहे हैं। गुजरात के साथ ही दिल्ली, पंजाब और दक्षिण भारत के विभिन्न राज्यों से पर्यटक चित्तौड़ पहुंच रहे हैं, विदेशी पर्यटकों की संख्या भी बढ़ी है। इनका कहना है कि पहले चित्तौड़ में होटल के कमरे का किराया 2000 से लेकर 2,500 रुपये तक होता था, लेकिन अब 4000 से 5000 रुपये तक किराए में कमरे खाली नहीं मिल रहे।

फिल्म पर विवादों के बीच 'पद्मावती' यहां पर करा रही है रिकॉर्ड तोड़ कमाई

संजय लीला भंसाली की फिल्म 'पद्मावती' को लेकर चल रहा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा। फिल्म को लेकर नित नए बवाल सामने आ रहे हैं। फिल्म के समर्थन और विरोध की राजनीति चरम पर है। फिल्म बड़े पर्दे पर कब रिलीज होगी और कैसी कमाई करेगी यह तो भविष्य के गर्भ में छिपा है। लेकिन इस बवाल का फायदा किसी और को जरूर मिल रहा है और कमाई भी जमकर हो रही है।

फिल्म पद्मावती पर मचे बवाल ने राजस्थान के मेवाड़ अंचल की अर्थव्यवस्था को ऊंचाई तक पहुंचा दिया है। वैसे तो फिल्म को लेकर पिछले तीन माह से विवाद चल रहा है, लेकिन एक माह में जिस तरह से राष्ट्रीय स्तर तक यह मामला चर्चा में आया है, उसके बाद मेवाड़ टूरिस्ट सर्किट में आने वाले पर्यटकों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। राज्य के पर्यटन विभाग के आंकड़ों, टूरिस्ट गाइड और स्थानीय व्यापारियों की मानें तो 'पद्मावती' विवाद के चलते मेवाड़ अचंल के पर्यटन व्यवसाय को संजीवनी मिली है। मेवाड़ टूरिस्ट सर्किट में पिछले वर्ष तक उदयपुर देशी-विदेशी पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र हुआ करता था, लेकिन 'पद्मावती' विवाद के बाद सबसे अधिक भीड़ चित्तौड़ में रहने लगी है।

पर्यटन एवं पुरातत्व विभाग के अधिकारियों का कहना है कि पिछले एक माह में चित्तौड़ में पर्यटकों की आवक में अचानक बढ़ोतरी हुई है और आगामी तीन माह तक की होटलों में एडवांस बुकिंग करवा दी गई है। राज्य की पर्यटन मंत्री कृष्णेन्द्र कौर दीपा का कहना है कि वैसे तो सर्दी में नवंबर से फरवरी तक पर्यटक सीजन माना जाता है, प्रति वर्ष काफी संख्या में पर्यटक मेवाड़ टूरिस्ट सर्किट का भ्रमण करने आते रहे हैं, लेकिन इस बार पिछले 15 से 20 दिन में अचानक पर्यटकों की संख्या में काफी बढ़ोतरी हुई है। 

पुरातत्व विभाग के अधिकारियों का कहना है कि पहले कभी पर्यटकों का इतना मेला चित्तौड़ दुर्ग में नहीं देखा। यहां पहुंचने वाला प्रत्येक पर्यटक पद्मनी महल, जौहर स्थल और पद्मनी मंदिर को देखने को लेकर उत्सुक नजर आ रहा है। अधिकारियों का कहना है कि पिछले एक सप्ताह में तो पर्यटकों की इतनी भीड़ बढ़ी है कि सुबह 8 बजे से लेकर शाम 5 बजे तक पैर रखने का स्थान नहीं मिल रहा। 

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