OPS को लेकर CM गहलोत का अहलूवालिया पर पलटवार, बोले- सेवारत कर्मचारियों को भी सुरक्षित महसूस करने का अधिकार

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि अगर देश में 60 साल तक पुरानी पेंशन योजना चल सकती है और रिटायर होने पर कर्मचारी को पेंशन मिल सकती है तो क्या वर्तमान में सेवारत कर्मचारियों को भी सुरक्षित महसूस करने का अधिकार नहीं है।

By AgencyEdited By: Publish:Sat, 07 Jan 2023 09:30 PM (IST) Updated:Sat, 07 Jan 2023 09:30 PM (IST)
OPS को लेकर CM गहलोत का अहलूवालिया पर पलटवार, बोले- सेवारत कर्मचारियों को भी सुरक्षित महसूस करने का अधिकार
पुरानी पेंशन योजना को लेकर अशोक गहलोत का अहलूवालिया पर पलटवार (फोटो: @ashokgehlot51)

जयपुर, एएनआई। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शनिवार को योजना आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया पर पलटवार करते हुए कहा कि सेवारत कर्मचारियों को भी सुरक्षित महसूस करने का अधिकार है। उन्होंने पुरानी पेंशन योजना (OPS) को फिर से शुरू किए जाने के कदम को अहलूवालिया द्वारा "बेतुका कदम" करार दिए जाने पर यह बात कही।

गहलोत ने कहा कि अगर देश में 60 साल तक पुरानी पेंशन योजना चल सकती है और रिटायर होने पर कर्मचारी को पेंशन मिल सकती है तो क्या वर्तमान में सेवारत कर्मचारियों को भी सुरक्षित महसूस करने का अधिकार नहीं है।

पुरानी पेंशन बेतुका और वित्तीय दिवालियापन वाला निर्णय

अहलूवालिया ने 6 जनवरी को एक पुस्तक विमोचन कार्यक्रम में राज्य सरकारों को आगाह किया था कि पुरानी पेंशन योजना को वापस लाना एक प्रतिगामी कदम हो सकता है। उन्होंने कहा था कि कुछ गैर-भाजपा शासित राज्य सरकारों द्वारा पुरानी पेंशन योजना को फिर से शुरू किए जाने के कदम को "बेतुका विचार" और वित्तीय दिवालियापन की ओर ले जाने वाला निर्णय बताया।

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उन्होंने आगे कहा था कि देश और दुनिया आज जिन आर्थिक चुनौतियों का सामना कर रही है, उसे देखते हुए पुरानी पेंशन योजना को वापस लाना बेहद ही गैर-जिम्मेदाराना कदम है।

अहलूवालिया इससे पहले भी पुरानी पेंशन के खिलाफ बोल चुके हैं। कुछ समय पहले उन्होंने कहा था कि पुरानी पेंशन राज्य सरकारों द्वारा दिए जाने वाले सबसे बड़े उपकरों में से एक है। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अक्सर राजनीतिक दलों द्वारा खुली छूट दिए जाने की संस्कृति विकसित करने और बढ़ावा देने के खिलाफ बात करते रहते हैं, लेकिन पिछली कांग्रेस सरकार में योजना आयोग में उपाध्यक्ष रह चुके अहलूवालिया द्वारा कांग्रेस सरकारों के इस कदम की आलोचना करना बेहद उल्लेखनीय है।

पुरानी पेंशन में केंद्र और राज्य सरकार के कर्मचारियों को उनके आखिरी मूल वेतन के 50 प्रतिशत के बराबर पेंशन मिलती है, जबकि नई पेंशन योजना में कर्मचारी और सरकार दोनों पेंशन निधि में अपना योगदान देते हैं और इसके आधार पर ही पेंशन दी जाती है। यह नई व्यवस्था 2004 से सेवा में आए कर्मचारियों के लिए लागू की गई है।

पिछले साल फिर शुरू हुई पुरानी पेंशन योजना

जस्थान सरकार ने पिछले साल मार्च 2022 से कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना शुरू की थी। मुख्यमंत्री गहलोत ने अन्य राज्यों से भी पुरानी पेंशन योजना को दोबारा शुरू करने और केंद्र सरकार से इस विषय में नीति बनाने का आग्रह किया है।

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