चुनाव से पहले राजस्थान में किसानों और कर्मचारियों का आंदोलन
राजस्थान में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले अपनी मांगों को लेकर कर्मचारी और किसान आंदोलनरत है। किसानों और कर्मचारियों के आंदोलन को जनसमर्थन भी मिल रहा है।
जयपुर, जागरण संवाददाता। राजस्थान में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले अपनी मांगों को लेकर कर्मचारी और किसान आंदोलनरत है। किसानों और कर्मचारियों के आंदोलन को जनसमर्थन भी मिल रहा है। प्रदेश में लोक परिवहन का सबसे बड़ा साधन रोड़वेज बसें पिछले 15 दिन से बंद है।
7वां वेतन आयोग लागू करने सहित विभिन्न मांगों को लेकर रोड़वेज कर्मचारी आंदोलन कर रहे है,सरकार में परिवहन मंत्री यूनुस खान ने पैसे की कमी बताते हुए मांगे मानने से इंकार कर दिया है। मंत्रालयिक कर्मचारी और पंचायतीराज कर्मचारी भी अपनी-अपनी मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए। मंत्रालयिक कर्मचारियों ने सोमवार से अनशन शुरू कर दिया,लेकिन सरकार की तरफ से आंदोलनरत कर्मचारियों से बातचीत की कोई खास पहल अब तक नहीं की गई।
रोड़वेज बसों के चक्काजाम,पंचायती राज कर्मचारियों और मंत्रालयिक कर्मचारियों की हड़ताल के चलते आम लोगों को मुश्किल हो रही है ।एक तरफ कर्मचारियों की हड़ताल है,वहीं दूसरी तरफ राज्य में सबसे ज्यादा खेती के इलाके श्रीगंगानगर के किसान सिंचाई के पानी के लिए सड़क पर उतर गए है। यहां पर किसान सिंचाई के लिए पानी और फिरोजपुर फीडर के मरम्मत की मांग को लेकर कई दिनों से आंदोलन कर रहे थे, लेकिन कोई सुनवाई होते नहीं देख अब आंदोलन तेज कर दिया । किसानों का आरोप है कि उनके हक का पानी उन्हें नहीं दिया जा रहा है । किसानों के अनुसार पंजाब से बहकर आने वाली नहरों में पानी की कटौती हो रही है। किसानों तक 2200 क्यूसेक पानी सिंचाई के लिए दिया जाना चाहिए, जबकि इसका आधा पानी इन तक पहुंच पा रहा है ।
किसानों की यह भी समस्या
फिरोजपुर फीडर की मरम्मत के लिए लगातार किसान मांग करते आ रहे है, साथ ही नहरों में आ रहे केमिकल युक्त पानी से भी यहां की जनता को निजात मिलनी चाहिए क्योंकि इस केमिकल वाले पानी से लोग बीमार हो रहे है। किसानों का आरोप है कि सरकार की बेरुखी का खामियाजा यहां की आम जनता और किसानों को भुगतना पड़ रहा है। यही वजह है कि इलाके के किसानों ने अब अपने हक के लिए हुंकार भरी है। विधानसभा चुनाव को देखते हुए कांग्रेस समेत कई पार्टियों के नेता किसानों के आंदोलन को समर्थन समर्थन दे रहे है,जबकि चुनाव से ठीक पहले भाजपा सरकार के लिए ये बड़ा सिरदर्द बन गया है ।