Coronavirus: राजस्थान में दो साल तक विधायक कोष का पैसा मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर पर खर्च होगा

Coronavirus. राजस्थान में अगले दो साल तक विधायक कोष का पैसा केवल मेडिकल सेक्टर से जुड़े कार्यों पर ही खर्च किया जा सकेगा।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Publish:Wed, 22 Apr 2020 05:56 PM (IST) Updated:Wed, 22 Apr 2020 05:56 PM (IST)
Coronavirus: राजस्थान में दो साल तक विधायक कोष का पैसा मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर पर खर्च होगा
Coronavirus: राजस्थान में दो साल तक विधायक कोष का पैसा मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर पर खर्च होगा

जागरण संवाददाता, जयपुर। Coronavirus. कोरोना संक्रमण से संघर्ष कर रही राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार ने आगामी दो साल में प्रदेश का मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत बनाने का निर्णय लिया है। इसके लिए अगले दो साल तक विधायक कोष का पैसा केवल मेडिकल सेक्टर से जुड़े कार्यों पर ही खर्च किया जा सकेगा। इस तरह की पहल करने वाला राजस्थान देश का पहला राज्य होगा।

प्रदेश के चिकित्सा राज्यमंत्री डॉ. सुभाष गर्ग का कहना है कि राज्य सरकार द्वारा यह निर्णय लिया जा चुका है, जल्द ही इस संबंधी फाइल पर मुख्यमंत्री के हस्ताक्षर होने के बाद आदेश जारी कर दिए जाएंगे। आदेश जारी होने के बाद विधायक निधि कोष की राशि अन्य कार्यों पर खर्च नहीं की जा सकेगी और केवल मेडिकल से जुड़ी सुविधाओं पर ही इसका उपयोग किया जा सकेगा। प्रत्येक विधायक को लोकल एरिया डेवलपमेंट योजना के तहत हर साल अपने निर्वाचन क्षेत्र में सवा दो करोड़ की राशि तक के कार्य करवाने की पॉवर है। इस राशि को सार्वजनिक हित के कार्यों पर खर्च किया जा सकता है।

डॉ. सुभाष गर्ग के मुताबिक देश-प्रदेश का मेडिकल सिस्टम दूसरे देशों की तुलना में काफी कमजोर है और कोरोना ने इसे मजबूत बनाने का अवसर दिया है। गर्ग के मुताबिक सभी दलों के विधायक इस बात पर सहमत हैं कि पूरा पैसा चिकित्सा सुविधाओं पर खर्च किया जाए। सीएम अशोक गहलोत ने इस संबंध में कुछ दिनों पहले अपनी मंशा जताई थी। बुधवार को गहलोत ने इस संबंध में चिकित्सा मंत्री, वित्त एवं चिकित्सा विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ चर्चा की है।

राजस्थान में कोरोना का कहर जारी है। बुधवार को 55 वर्षीय एक महिला की मौत के साथ ही 133 नए पॉजिटिव केस सामने आए हैं। कोरोना संक्रमण के कारण प्रदेश में अब तक 27 मौत हो गई और कुल 1868 पीड़ित सामने आए हैं। सरकार के लिए सबसे बड़ी समस्या यह सामने आ रही है कि कोरोना के कई ऐसे मामले सामने आए हैँ, जिनमें संक्रमण के लक्षण नजर नहीं आए। इन लोगों में ना तो खांसी थी और ना ही जुकाम और बुखार से ये पीड़ित थे। इनको सांस लेने में भी दिक्कत नहीं थी। प्रदेश में पॉजिटिव आए कुल 1868 मामलों में 603 पीड़ित ऐसे सामने आए जिनमें कोरोना संक्रमण के लक्षण ही नहीं नजर नहीं आ रहे थे, जब इनकी जांच कराई गई तो ये पॉजिटिव पाए गए। 

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