Rajasthan Politics: सचिन पायलट ने दिखाई अपनी ताकत, अशोक गहलोत का नाम तक नहीं लिया; जगन मॉडल पर करेंगे राजनीति

Sachin Pilot in Dausa राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ अदावत और आलाकमान द्वारा किए गए वादे के बावजूद अपने समर्थकों को सरकार में स्थान नहीं मिलते देख सचिन पायलट ने शुक्रवार से अपनी ताकत दिखाने का अभियान शुरू किया है।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Publish:Fri, 05 Feb 2021 06:15 PM (IST) Updated:Fri, 05 Feb 2021 08:17 PM (IST)
Rajasthan Politics: सचिन पायलट ने दिखाई अपनी ताकत, अशोक गहलोत का नाम तक नहीं लिया; जगन मॉडल पर करेंगे राजनीति
कृषि कानून के विरोध में सचिन पायलट की महापंचायत। फाइल फोटो

जयपुर, जागरण संवाददाता। Rajasthan: राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट फिर अपनी राजनीतिक जमीन को मजबूत करने में जुट गए हैं। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ अदावत और आलाकमान द्वारा किए गए वादे के बावजूद अपने समर्थकों को सरकार में स्थान नहीं मिलते देख पायलट ने शुक्रवार से अपनी ताकत दिखाने का अभियान शुरू किया है। जिलों में किसान महापंचायत कर पायलट गहलोत व पार्टी आलाकमान को अपनी ताकत का अहसास कराने जुटे हैं। इसी के तहत दौसा में हुई महापंचायत में केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ आवाज बुलंद की, वहीं पार्टी नेतृत्व को भी इशारों ही इशारों में उनकी सुनवाई करने के लिए कहा। इस दौरान पायलट ने कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी की जमकर तारीफ की, लेकिन गहलोत का नाम तक नहीं लिया।

कृषि कानून वापस लेने ही होंगेः सचिन पायलट

सचिन पायलट ने राजस्थान सरकार की योजनाओं की चर्चा तक नहीं की। उन्होंने कहा कि किसानों का भविष्य अंधकार में धकेला जा रहा है। सरकार को ये कृषि कानून वापस लेने ही होंगे। पायलट ने कहा कि कृषि कानूनों से किसान का बड़ा नुकसान होने वाला है। किसान दिल्ली की सड़कों पर ठंड में बैठे हैं, लेकिन केंद्र सरकार की बेरुखी उन्हें यातना दे रही है। उन्होंने कहा कि चंद उद्योगपतियों की वजह से केंद्र सरकार किसानों का भविष्य अंधकार में धकेल रही है। कृषि कानूनों से खेती और मंडियां दोनों चौपट हो जाएगी। किसानों को रोकने के लिए केंद्र सरकार ने दिल्ली की सीमा पर जो प्रबंध किए हैं, वैसे तो भारत-पाकिस्तान की सीमा पर भी नहीं होते। इस दौरान पायलट समर्थक आठ विधायक और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के आधा दर्जन पदाधिकारी भी किसान महापंचायत में पहुंचे। सभी विधायकों ने अपने संबोधन में केंद्र सरकार पर हमला तो बोला, लेकिन प्रदेश की गहलोत सरकार का नाम तक नहीं लिया।

जगन मॉडल पर राजस्थान में राजनीति करेंगे सचिवन पायलट

सचिन पायलट दौसा के बाद अब नौ को भरतपुर और 17 फरवरी को जयपुर जिले के कोटखावदा में किसान महापंचायत को संबोधित करेंगे। इस दौरान पायलट खेमे के सभी विधायकों व नेताओं को आमंत्रित किया गया है, लेकिन सरकार के किसी मंत्री या प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा को नहीं बुलाया गया। पायलट ने आंध्र प्रदेश में जगनमोहन रेड्डी द्वारा अपनाई गई रणनीति को राजस्थान में मॉडिफाइड कर के आगे काम करने का निर्णय लिया है। जगनमोहन रेड्डी मॉडल के तहत फील्ड में आम लोगों के बीच लगातार सक्रिय रहना, सही मौकों पर ताकत दिखाना और विधायकों से लेकर ब्लॉक स्तर तक अपने समर्थकों को लगातार सक्रिय रखना। जगनमोहन रेड्डी की तर्ज पर पायलट अपने समर्थकों व आम जनता के बीच लगातार सक्रिय रहेंगे। हालांकि इससे कांग्रेस नेतृत्व की चिंता जरूर बढ़ सकती है।

chat bot
आपका साथी