Lockdown: राजस्थान में फंसे प्रवासी मजदूरों, स्टूडेंट्स व पर्यटकों का किराया वहन करेगी गहलोत सरकार

Lockdown. राजस्थान में फंसे अन्य राज्यों के प्रवासी श्रमिकों स्टूडेंट्स तीर्थ यात्रियों व पर्यटकों के ट्रेन और बस का किराया अशोक गहलोत सरकार वहन करेगी।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Publish:Mon, 04 May 2020 05:49 PM (IST) Updated:Mon, 04 May 2020 05:49 PM (IST)
Lockdown: राजस्थान में फंसे प्रवासी मजदूरों, स्टूडेंट्स व पर्यटकों का किराया वहन करेगी गहलोत सरकार
Lockdown: राजस्थान में फंसे प्रवासी मजदूरों, स्टूडेंट्स व पर्यटकों का किराया वहन करेगी गहलोत सरकार

जागरण संवाददाता, जयपुर। Lockdown. लॉकडाउन के कारण राजस्थान में फंसे अन्य राज्यों के प्रवासी श्रमिकों, स्टूडेंट्स, तीर्थ यात्रियों व पर्यटकों के ट्रेन और बस का किराया अशोक गहलोत सरकार वहन करेगी। रेलवे को गहलोत सरकार किराये का भुगतान करेगी। वहीं, जो लोग सड़क मार्ग से बस से अपने राज्य में जाना चाहेंगे उन्हें राजस्थान की सीमा तक निशुल्क भेजा जाएगा। सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी के निर्देश पर राज्य सरकार ने रेलवे को किराये का भुगतान करने का निर्णय लिया है। सोमवार को गहलोत ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जिला कलेक्टरों एवं पुलिस अधीक्षकों से संवाद करते हुए प्रवासियों का किराया सरकार द्वारा वहन करने की घोषणा की।

उन्होंने जिला कलेक्टरों को निर्देश दिए कि प्रवासी श्रमिकों, स्टूडेंट्स एवं पर्यटकों की सूची बनाकर तैयार करें और जो भी जाना चाहे उसे ट्रेन व बस के माध्यम से भेजना शुरू करें। इन लोगों का किराया सरकार वहन करेगी। प्रदेश में करीब 15 लाख लोगों ने रजिस्ट्रेशन कराया है। इनमें करीब 9 लाख लोग अन्य राज्यों में जाने वाले हैं और शेष राजस्थान के लोग हैं, जो अन्य राज्यों में रह रहे हैं। पिछले पांच दिन में करीब डेढ़ लाख लोगों को बस, ट्रेन व छोटे साधनों से गंतव्य तक भेज दिया गया है। अन्य राज्यों से आने वालों की प्रदेश की सीमा पर स्क्रीनिंग की जा रही है। उसके बाद उन्हे जिलावार बसों में बिठाकर भेजा जा रहा है।

जिन जिलों में ये लोग जा रहे हैं, उनमें अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि इन्हें 14 दिन के क्वारंटाइन में रखा जाना सुनिश्चित किया जाए। इसके लिए संबंधित पुलिस थानों, नगर निगम के जोन आयुक्त एवं उपखंड अधिकारियों को नियमित रूप से इन लोगों पर निगरानी रखनी होगी। यहां से जाने वालों में यूपी, बिहार एवं पश्चिम बंगाल के लोग अधिक है। सीएम गहलोत ने कहा कि अभी तक पश्चिम बंगाल, बिहार, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु व तेलंगाना राज्य सरकारें अपने श्रमिकों को लेने के लिए तैयार नहीं है। उन्होंने कहा कि जो श्रमिक यहां से चले गए थे, उन्हें राज्य सरकारों ने अपने बॉर्डर पर ही रोक दिया। राज्य के मुख्य सचिव डीबी गुप्ता ने इस संबंध में कैबिनेट सचिव से बात की है।

फंसे श्रमिकों की गुहार, घर भेजो सरकार

लॉकडाउन के कारण प्रदेश में फंसे श्रमिक सरकार से जल्दी घर भिजवाने की मांग कर रहे हैं। राज्य के श्रम मंत्री टीकाराम जुली ने बताया कि अन्य राज्यों के श्रमिकों को व्यवस्थित ढंग से बाहर भेजने का सिलसिला शुरू हो गया, हालांकि संबंधित राज्य सरकारें इन्हें ले नहीं रही हैं। अब तक बसों से भेजा जा रहा था, अब ट्रेन से ऐसे श्रमिकों को भेजा जाएगा। गुजरात से प्रदेश में आने वाले श्रमिकों की रतनपुर बॉर्डर पर, यूपी से आने वालों की भरतपुर व घौलपुर, हरियाणा व दिल्ली से आने वालों की बहरोड़ व नीमराणा में स्क्रीनिंग की जा रही है। मध्य प्रदेश से आने वालों की स्क्रीनिंग चित्तौड़गढ़ व बारां में हो रही है। उन्होंने बताया कि यहां आने और जाने वाले श्रमिकों के भोजन-पानी का पूरा प्रबंध संबंधित जिला प्रशासन कर रहा है।

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