Rajasthan: राजस्थान हाईकोर्ट में साढ़े चार लाख केस पेंडिंग, 29 जजों के पद है खाली

राजस्थान हाईकोर्ट में न्यायाधीशों की कमी के चलते मुकदमों का समय पर निस्तारण नहीं हो पा रहा है। हाईकोर्ट में न्यायाधीशों के 50 पद स्वीकृत हैं इनमें से 21 न्यायाधीश ही कार्यरत है।

By Preeti jhaEdited By: Publish:Sat, 14 Dec 2019 02:57 PM (IST) Updated:Sat, 14 Dec 2019 02:57 PM (IST)
Rajasthan: राजस्थान हाईकोर्ट में साढ़े चार लाख केस पेंडिंग, 29 जजों के पद है खाली
Rajasthan: राजस्थान हाईकोर्ट में साढ़े चार लाख केस पेंडिंग, 29 जजों के पद है खाली

जयपुर, जागरण संवाददाता। Rajasthan High Court राजस्थान हाईकोर्ट में न्यायाधीशों की कमी के चलते मुकदमों का समय पर निस्तारण नहीं हो पा रहा है। हाईकोर्ट में न्यायाधीशों के 50 पद स्वीकृत हैं, लेकिन इनमें से 21 न्यायाधीश ही कार्यरत है। 29 पद लंबे समय से खाली चल रहे हैं। न्यायाधीशों के खाली पदों की बढ़ती संख्या के चलते मुकदमों की पेंडेंसी लगातार बढ़ती जा रही है।

नेशनल ज्यूडिशल डाटा ग्रिड के अनुसार वर्तमान में 4 लाख 57 हजार 110 केस पेंडिंग है, अर्थात एक न्यायाधीश पर करीब 22 हजार केसों का भार है। पिछले एक साल में ही 1 लाख 39 हजार से अधिक मामले पेंडिंग हुए हैं। हाईकोर्ट में जो मामले पेंडिंग चल रहे हैं उनमें से 27 प्रतिशत पिछले 5 से 20 साल पुराने हैं, जिनमें पक्षकारों को तारीखें मिल रही है।

जानकारी के अनुसार अक्टूबर,2014 में हाईकोर्ट के न्यायाधीश के पदों की संख्या 40 से बढ़ाकर 50 की गई थी। लेकिन पांच साल बाद भी अब तक सभी पद नहीं भरे जा सके। हाईकोर्ट के साथ ही निचली अदालतों में भी पेंडिंग मुकदमों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। वर्तमान में निचली अदालतों में 16 लाख 68 हजार 213 केस पेंडिंग है। 

43 साल बाद 21 जजों ने एक साथ हाईकोर्ट की जोधपुर मुख्यपीठ में की सुनवाई

राजस्थान हाई हाईकोर्ट के नए भवन में सोमवार को मुख्य न्यायाधीश इंद्रजीत माहंति सहित सभी न्यायाधीशों ने एक साथ सुनवाई की थी। इमरजेंसी में हाईकोर्ट की जयपुर बेंच गठित होने के करीब 43 साल बाद पहली बार सोमवार को चीफ जस्टिस इंद्रजीत महांति सहित सभी 21 जजों ने एक साथ जोधपुर मुख्यपीठ में सुनवाई की। इससे पहले जोधपुर के हाईकोर्ट के हेरिटेज भवन से सभी जजों को विदाई दी गई, जिसमे जजों समेत हाईकोर्ट की दोनों असोसिएशन से अधिवक्ताओं , पदाधिकारियों ने शिरकत की। इस मौके पर सीजे ने राजस्थान हाईकोर्ट के नए भवन में पेपरलेस काम शुरू किए जाने की बात कही थी।

राजस्थान हाईकोर्ट एडवोकेट्स एसोसिएशन और लॉयर्स एसोसिएशन द्वारा आयोजित हाईकोर्ट जजों के संयुक्त विदाई समारोह में बातचीत करते हुए मुख्य न्यायाधीश इंद्रजीत माहंति ने आगामी छह महीने से एक साल के भीतर नए हाईकोर्ट के पेपर लेस काम करने की घोषणा की। उन्होंने कहा की एक वर्ष के भीतर ई - कोर्ट , ई - फाइलिंग , ई फैसला सहित सभी न्यायिक कार्य ऑनलाइन करने के लिए सकारात्मक प्रयास किए जाएंगे।

इसके साथ ही पुराने हाईकोर्ट भवन के मुख्य गेट पर सुबह आयोजित समारोह में मुख्य न्यायाधीश इंद्रजीत महांति व अन्य न्यायाधीशों को विदा किया गया। इसके बाद सोमवार से नए हाईकोर्ट भवन में भी सुनवाई शुरू हो गई ।

मुख्य न्यायाधीश ने उम्मीद जताई कि नए भवन में मिली अत्यधनिक सुविधाओं का प्रयोग आमजन को न्याय दिलाने में मदद करेगी। विदाई समारोह में वकीलों के दोनों संगठनों के पदाधिकारियों ने मुख्य न्यायाधीश इंद्रजीत माहंति सहित साहत सभी न्यायाधीशों को स्मृति चिन्ह भेंट कर आभार प्रकट किया। पुलिस ने बैंड के साथ मुख्य न्यायाधीश इंद्रजीत माहंति को गार्ड ऑफ ऑनर दिया। इसके बाद सभी न्यायाधीशों ने झालामंड स्थित नए हाईकोर्ट भवन के लिए प्रस्थान किया ।

फुल कोर्ट की बैठक 

एक दिन पहले ही यहां राजस्थान हाईकोर्ट के नए भवन में हाइकोर्ट फुल कोर्ट की बैठक आयोजित हुई थी। जस्टिस इंद्रजीत महांति के राजस्थान हाइकोर्ट के मुख्य नयायाधीश बनने के बाद उनकी अध्यक्षता में यह पहली फुल कोर्ट की बैठक थी। बैठक में प्रदेश की न्यायपालिका को मजबूत करने के लिए एक विजन तैयार करने , लोअर ज्यूडिशरी में वैकेंसी को भरने, हाइकोर्ट की विभिन्न कमेटियों के पनर्गठन ,हाइकोर्ट में जजों की नियुक्ति को लेकर चर्चा की गई।

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