Rajasthan: शोध व अनुसंधान के लिए गठित होंगी पांच औद्योगिक अकादमी, एक जिला एक उत्पाद के तहत बढ़ेगा निर्यात

Industrial Academy. शोध व अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए राजस्थान में पांच औद्योगिक अकादमी गठित की जाएंगी।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Publish:Sun, 23 Feb 2020 02:58 PM (IST) Updated:Sun, 23 Feb 2020 02:58 PM (IST)
Rajasthan: शोध व अनुसंधान के लिए गठित होंगी पांच औद्योगिक अकादमी, एक जिला एक उत्पाद के तहत बढ़ेगा निर्यात
Rajasthan: शोध व अनुसंधान के लिए गठित होंगी पांच औद्योगिक अकादमी, एक जिला एक उत्पाद के तहत बढ़ेगा निर्यात

जयपुर, जेएनएन। Industrial Academy. उद्योगों और विज्ञान व प्रौद्योगिकी में समन्वय और उद्योगों की जरूरत के हिसाब से शोध व अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए राजस्थान में पांच औद्योगिक अकादमी गठित की जाएंगी। ये अकादमी एग्रीटेक, मेडिटेक, टेक्सटाइलटेक, स्टोन एवं फेब्रिकेशन के क्षेत्र में गठित होेंगी।

राजस्थान के विज्ञान व प्रौद्योगिकी विभाग ने इसकी कार्ययोजना बनाई है। विभाग की प्रमुख सचिव श्रीमती सिन्हा ने बताया कि विभाग के नवीन कार्यक्रम एवं योजना के कोर ग्रुप की बैठक में इस पर विचार किया गया है और इसके तहत उद्योगों एवं विभिन्न विश्वविद्यालयों, अनुसंधान संस्थानों के मध्य परस्पर सहयोग से प्रारंभ किए जाने वाले नीतिगत मुद्दों एवं कार्यक्रमों पर काम किया जा रहा है। सिन्हा ने बताया कि राज्य में एग्रीटेक को बढ़ावा देने के लिए कृषि विकास केंद्रों की महत्वपूर्ण भूमिका हो सकती है। इसके लिए मार्च, 2020 तक औद्योगिक अकादमी तैयार करने की योजना है।

उन्होंने कहा कि औद्योगिक अकादमी कार्यक्रम के तहत विश्वविद्यालयों में हुए शोध को आगे लाने के लिए औद्योगिक विशेषज्ञ छह माह तक विश्वविद्यालयों में जाकर शोध को व्यापक रूप देने में मदद करेंगे। उन्होंने कहा कि प्रारंभ में पांच क्षेत्रों में काम करने का निर्णय किया गया है। बैठक में औद्योगिक अकादमी कार्यक्रम के तहत विश्वविद्यालयों में प्रोफेसर ऑफ प्रेक्टिस नियुक्त किए जाएंगे और छात्रों के ऐेसे प्रोजेक्टस को चिन्हित किया जाएगा औद्योगिक तौर पर उत्पाद के रूप विकसित किया जा सकता है।

एक जिला एक उत्पाद के तहत बढ़ाया जाएगा निर्यात

राजस्थान से निर्यात को बढ़ावा देने के लिए अब एक जिला एक उत्पाद की नीति पर काम किया जाएगा। इसके लिए जिला स्तर पर निर्यात संभावनाओं को तलाशते हुए प्रदेश से निर्यात को प्रोत्साहित किया जाएगा।

राजस्थान के मुख्य सचिव डीबी गुप्ता ने पिछले दिनों हुई निर्यात संवर्धन समन्वय परिषद की बैठक में इस बारे में अधिकारियों को निर्देश दिए। गुप्ता ने बताया कि प्रदेश से वस्तुओं के निर्यात के साथ ही सेवाओं के निर्यात की ठोस रणनीति तैयार की जाएगी और इसके लिए चैंपियन सर्विस सेक्टर चिन्हित किए जाएंगे। गुप्ता ने कहा कि प्रदेश से निर्यात की विपुल संभावनाओं का दोहन किया जाना है और इसके लिए संबंधित विभागों को परस्पर सहयोग व समन्वय के साथ काम करना होगा।

अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि राजस्थान में निर्यात को बढावा देने के लिए राजस्थान निर्यात संवर्द्धन समन्वय परिषद का गठन किया गया है। इसका मुख्य कार्य प्रदेश से निर्यात को बढ़ावा देने के लिए आवश्यक व्यवस्था, मार्गदर्शन और सहयोग से समन्वित प्रयासों के साथ ही निर्यात में आने वाली बाधाओं को दूर करना है। उन्होंने बताया कि यह समन्वय परिषद औद्योगिक संगठनों, केंद्र व राज्य सरकार के संबंधित विभागों व उपक्रमों से समन्वय स्थापित करने के साथ ही प्रदेश में आवश्यक आधारभूत सुविधाओं का सृजन करेगी। प्रदेश से 2018-19 में 51 हजार करोड़ रुपये से अधिक का निर्यात हुआ है।

उन्होंने बताया कि निर्यात क्षेत्र में इंजीनियरिंग, टेक्सटाइल, कृषि, जेम एवं ज्वैलरी, खनिज एवं मिनरल सहित विभिन्न क्षेत्रों से निर्यात हो रहा है। उन्होेंने कहा कि राजस्थान निर्यात संवर्द्धन समन्वय परिषद के गठन से निर्यात मे और अधिक बढ़ोतरी होगी, वही निर्यात को नई दिशा मिल सकेगी। राजस्थान निर्यात संवर्द्धन परिषद के गठन की भी औपचारिकता अंतिम चरण में है।

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